देहरादून। इंसान अज्ञानता के कारण भ्रम-भ्रांतियों में फंसा हुआ है। निरकांर का बोध हासिल कर भ्रम-भ्रांतियों से मुक्त हो जाता है। भक्त सदा निरांकार परमात्मा से ही भरपूर हो जाता है। ये उद्गार इस्टर इंग्लैंड से पधारी बहन रसिदा बेगम ने निरंकारी सत्संग भवन रेस्टकैप में रविवासरीय सत्संग में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि निराकार को मनोवृत्तिसे जोड़कर यह भक्ति भरे विचारों का आनंद लेता है। भक्तजन भक्ति करने और समर्पण भाव से जीने की प्रेरणा देते है। भक्ति भक्त के जीवन में सदा पवित्रता प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि भक्ति के बिना जीवन निरस हो जाता है। भक्ति है, तो जीवन के कुछ मायने है। अन्यथा जीवन व्यर्थ है। उन्होंने कहा कि इंसान का वास्तविक विकास तभी माना जाएगा जब इंसान, इंसान के रूप में पैदा होकर इंसानियत की राह पर चलेगा और इंसान की तरह जीवन जीने का सलीका सीखेगा। कार्यक्रम का संचालन विजय रावत ने किया।
उधर, संत निरंकारी सत्संग भवन बालावाला में रविवासरीय सत्संग में प्रवचन करते हुए ज्ञान प्रचारक मंसाराम खंडूरी ने कहा कि आध्यात्मिकता से सभी मनुष्य किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं। हर कोई पूजापाठ, दान, तप, ध्यान और विभिन्न अनुष्ठानों को करने में लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि ब्रrाज्ञान सद्गुरु की कृपा से प्राप्त होता है। ईर की भक्ति का आरंभ परमात्मा की अनुभूति के उपरांत होता है। ज्ञान के प्रकाश से जीवन में नई चेतना का पर्दापण होता है। इस उवसर पर अरुण खत्री, पुष्पा बिष्ट आदि मौजूद रहे।