देहरादून। राज्य के दूरदराज क्षेत्रों के सरकारी विद्यालयों में पठन-पाठन का जिम्मा संभाले अतिथि शिक्षकों के लिए खुशखबरी हैं। वर्षो से शिक्षण का अनुभव रखने वाले इन शिक्षको को सरकार वेटेज देने पर विचार कर रही हैं। इसके साथ ही नियुक्ति के लिए अतिथि शिक्षकों को लंबा इंतजार नहीं करना होगा।
सरकारी विद्यालयों में पहले से कार्यरत रहे अतिथि शिक्षकों के लिए खुशखबरी हैं। सरकार उन्हें कुल 30 अंकों तक वेटेज देने पर विचार कर रही है। वेटेज के बूते ये शिक्षक नए अभ्यर्थियों के साथ नियुक्ति की दौड़ में आगे नजर आ सकते हैं। चालू माह के आखिरी तक विद्यालयों में रिक्त पदों पर उन्हें तैनाती मिलने की संभावना जतायी जा रही है। राज्य में शिक्षकों के रिक्त पदों पर कार्यरत रहे इन अतिथि शिक्षकों को हाईकोर्ट राहत और झटका दोनों ही दे चुका है। राहत ये है कि रिक्त पदों पर नियमित होने तक अतिथि शिक्षकों की अस्थायी तौर पर नियुक्ति करने को हाईकोर्ट अनुमति दे चुका है। साथ ही इन नियुक्तियों में सभी को समान अवसर मिले, इसके लिए अतिथि शिक्षकों को मनमाफिक तरीके से संविदा विस्तार नहीं मिलेगा।
इन्हें नए अभ्यर्थियों के साथ नियुक्ति के लिए ऑनलाइन मुकाबला करना होगा। हाईकोर्ट के आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय की ओर से उक्त संबंध में प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय का कहना है कि अतिथि शिक्षकों को नियुक्ति के लिए लंबा इंतजार नहीं करना होगा। विद्यालयों में पठन-पाठन सुचारू करने के लिए शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुभव के आधार पर वेटेज अंक दिए जाएंगे। अधिकतम 30 अंकों का लाभ उन्हें मिल सकेगा।