अतिथि शिक्षको के मामलें में सरकार कोर्ट की शरण में

देहरादून। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर काम कर रहे 4400 अतिथि शिक्षकों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। तात्कालिक जरूरत के हिसाब से सरकार इनको फिर से सेवा विस्तार देने के लिए फिर से कोर्ट की शरण में है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया है कि सरकार इसकी अनुमति लेने का प्रयास कर रही है। अगर कोर्ट ने अनुमति नहीं दी तो जहां साढे चार हजार अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे वहीं स्कूलों में शिक्षकों का संकट हो जाएगा। लोक सेवा आयोग ने 18 महीने से पहले प्रवक्ताओं का चयन करने से हाथ खड़े कर दिए हैं। जबकि एलटी के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग 1270 शिक्षकों के चयन पर काम कर रहा है। इसी महीने एलटी शिक्षकों की चयन प्रक्रिया को पूरा करने की कोशिशें हो रही हैं। इसके लिए अभ्यर्थियों से उनकी टीईटी का परीक्षाफल भी मांगा गया है। ऐसे में विभाग के कामकाज को पटरी पर बनाये रखने के लिए सरकार के पास फिलहाल अतिथि शिक्षकों को सेवा में रखना मजबूरी बन गया है। अतिथि शिक्षकों की मांग पर सरकार ने उन्हें विस्तार देने के लिए पहले भी वादा किया था लेकिन अब सरकार के हाथ में कुछ नहीं है। कोर्ट के द्वारा दी गयी गयी समय सीमा समाप्त हो चुकी है और दोबारा अनुमति भी कोर्ट से ही लेनी होगी। वर्तमान में प्रदेशभर में 4400 अतिथि शिक्षक शिक्षा व्यवस्था को संभाले हुए हैं। इनमें से 2600 प्रवक्ता ग्रेड में काम कर रहे हैं जबकि 1800 शिक्षक एलटी ग्रेड में काम कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *