देहरादून। केंद्र सरकार ने प्राइमरी व जूनियर की कक्षाओं को पढ़ा रहे शिक्षकों को अंतिम चेतावनी दे दी है कि यदि वे बीटीसी या डीएलएड नहीं हैं तो 15 सितंबर तक हर हाल में प्रशिक्षण के लिए पंजीकरण करा लें। ऐसा न होने पर वे शिक्षक की नौकरी गंवा बैठेंगे। बुधवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने उत्तराखंड सहित देश के अन्य राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये यह बात दोहरायी। इस संबंध में पूर्व में राज्यों को भेजे गये केंद्र सरकार के फैसले की जानकारी देते हुए जावड़ेकर ने साफ किया कि किसी भी स्कूल में वह चाहे सरकारी हो, अर्ध सरकारी हो या पब्लिक स्कूल कक्षा एक से आठवीं तक पढ़ाने वालों को डीएलएड का प्रशिक्षण जरूरी है। सचिवालय स्थित एनआईसी में प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय, महानिदेशक शिक्षा कैप्टन आलोक शेखर तिवारी, निदेशक एससीईआरटी सीमा जौनसारी भी मौजूद थे। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षकों नहीं हैं। यहां पुराने शिक्षक बीटीसी का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आये हैं और बाद के वर्षो में डीएलएड करके आये हैं। लेकिन मान्यताप्राप्त स्कूलों व पब्लिक स्कूलों में अप्रशिक्षित शिक्षक हैं।गौरतलब है कि ऐसे शिक्षकों को यदि शिक्षक के पेशे में बने रहना है तो उन्हें डीएलएड का प्रशिक्षण अनिवार्य रूप से लेना होगा। वरना 31 मार्च 2019 के बाद उन्हें हटा दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान भी इन शिक्षकों की नौकरी बची रहेगी। उन्हें आनलाइन स्लेबस दिया जाएगा और आनलाइन ही वे जवाब देते रहेंगे। प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद अंतिम परीक्षा होगी, जिसे पास करना अनिवार्य होगा।