कर्नाटक। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने जोर देकर कहा कि अयोध्या के विवादित स्थल पर केवल राम मंदिर बनेगा। इसके अलावा किसी अन्य ढांचे का निर्माण यहां नहीं होने दिया जाएगा।
कर्नाटक के उडपी में आयोजित धर्मसंसद के पहले दिन भागवत ने हिन्दू साधु संतों को संबोधित करते हुए कहा, यह कोई लोकलुभावन नारा नहीं है, बल्कि यह आस्था का विषय है और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। भागवत ने कहा कि मंदिर का निर्माण उसी भव्य रूप में किया जाएगा, जिस भव्य रूप में वह पहले विद्यमान था। पिछले 25 वर्षो से राम जन्मभूमि आंदोलन में अग्रणी भूमिका निभाने वालों के दिशा निर्देश में ‘‘उसी शिला’ का उपयोग करके मंदिर का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने हिन्दुओं में जागरूकता का आह्वान करते हुए कहा कि हम अपना लक्ष्य हासिल करने के करीब हैं, लेकिन ऐसे समय में हमें अधिक सचेत रहने की आवश्यकता है।
धर्मसंसद के आयोजकों ने कहा कि इस बैठक में जाति एवं लिंग के आधार पर भेदभाव के मुद्दों पर भी र्चचा होगी और उन तौर तरीकों पर गौर किया जाएगा, जिससे हिंदू समाज में सौहार्द कायम रहे। आरएसएस प्रमुख ने यह भी कहा कि यहां मौजूद संतों और हिंदुओं को देश और अन्यत्र विद्यमान अनुकूल माहौल पर चिंतन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा, समाज की ताकत उसकी एकता में निहित है। जब उसे नष्ट किया जाता है तो राष्ट्रविरोधी शक्तियां पैर जमा लेती हैं। हमें धर्मातरण के परिणामों को समझने की जरूरत है। हमें उन लोगों तक पहुंचने की जरूरत है, जिनके धर्मातरण के गिरफ्त में आने की आशंका है।