देहरादून। उत्तराखंड में जड़ी-बूटी की अपार संभावनाओं को देखते हुए लेटिन अमरीकी देश अर्जेन्टीना कृषि के क्षेत्र में निवेश का इच्छुक है। अज्रेन्टीना जड़ी-बूटी की खेती में निवेश करना चाहता है। यह जानकारी कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कृषि सत्र के बाद पत्रकारों को दी। इन्वेस्टर्स समिट के दूसरे दिन कृषि व हार्टिकल्चर के क्षेत्र में निवेश के लिए निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा है कि कृषि व उद्यान के क्षेत्र में 4,834 करोड़ का एमओयू साइन हुआ है। जिसमें 1,325 करोड़ एरोमा सेक्टर, आग्रेनिक खेती के लिए 1,309 करोड़ व 2,200 करोड़ उद्यान के क्षेत्र में है। उन्होंने बताया कि रसना द्वारा 500 करोड़ का निवेश राज्य में किया जा रहा है। भारत के कुल 42 फूड प्रोसेसिंग सेंटर में से 2 उत्तराखंड में हैं। इस सत्र में राज्य मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्र में रहती है। पशुपालन से उनकी आर्थिकी में उन्नति होगी। पशुपालन के माध्यम से जैविक खेती को विस्तार देने की ज्यादा संभावनाएं भी हैं। केंद्र में संयुक्त सचिव खाद्य एवं प्रसंस्करण पराग गुप्ता ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा क्लस्टर बनायें व उसमें फूड प्रोसेसिंग के उद्योग लगायें। केंद्र हरसंभव मदद करेगी। इस सत्र में सचिव डा. आर. मीनाक्षी सुन्दरम ने निवेशकों को अनेक जानकारियां उपलब्ध कराई। राबो इमिटी एडवाईजर के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक राजेश श्रीवास्तव, पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवीन्द्र चौधरी, आनन्द डेयरी के चेयरमैन राधेश्याम दीक्षित तथा फिक इंडिया के प्रबन्ध निदेशक, जसमोहन सिंह ने भी अपने विचार व्यक्त किये।