आज भी उत्तराखण्ड के सामने अनेकानेक चुनौतियां: प्रीतम सिंह

भाजपा कर रही राजधानी मामले में जनता को गुमराह
देहरादून। राज्य स्थापना दिवस के शुभ अवसर पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह जी की अध्यक्षता में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में बड़ी संख्या में कांग्रेस नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। गोष्ठी का संचालन पार्षद जगदीश धीमान ने किया। गोष्ठी के उपरान्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी कांग्रेसजनों ने स्व0 इन्द्रमणि बडोनी की मूर्ति एवं शहीद स्थल जाकर शहीदों को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किये।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने समस्त उत्तराखण्डवासियों को राज्य स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि कहा कि हम सर्वप्रथम उत्तराखण्ड के शहीदों को शत्-शत् नमन करते हैं जिन्होंने अपना भविष्य राज्यवासियों के वर्तमान के लिए बलिदान कर दिया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में उत्तराखण्ड के सभी वर्गो के लोगों की अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका रही है। राज्य निर्माण आन्दोलन के दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड आन्दोलन को तन, मन, धन से पल्लवित और पोषित करने का काम किया है। उत्तराखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन के दौरान देशभर में जहां भी यहां के निवासी रहते हैं उन्होंने अपनी आवाज बुलंद की थी इसलिए उत्तराखण्ड निर्माण में उनके योगदान को भी नहीं भुलाया जा सकता है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह ने कहा कि 9 नवम्बर 2017 को उत्तराखण्ड 17 वर्ष की अवस्था पूर्ण कर चुका है। इन 17 वर्षाें में उत्तराखण्ड राज्य ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं। आज भी उत्तराखण्ड के सामने अनेकानेक चुनौतियां है, विशेषकर महिलाओं एवं युवा पीढ़ी का भविष्य उत्तराखण्ड में सुरक्षित रहे उनके सिर का बोझ कम हो और चेहरों पर मुस्कान आये, इस हेतु अभी बहुत कुछ करना बाकी है। 2012 में बडी़ कठिन परिस्थितियों में उत्तराखण्ड में कांग्रेस की सरकार बनी और 2013 की आपदा ने पूरे प्रदेश को तोड़कर रख दिया था। राज्य की तत्कालीन कांग्रेस सरकार के नेतृत्व में सभी लोगों, अधिकारियों, कर्मचारियों व राजनैतिक नेतृत्व ने दिन रात एक कर उत्तराखण्ड के आत्मविश्वास को लौटाया। राहुल गांधी ने गौरी कुण्ड से केदारनाथ जी तक पैदल यात्रा कर सुरक्षित उत्तराखण्ड का संदेश दिया, जिससे पुनः सुचारू रूप से चारधाम यात्रा के साथ-साथ पर्यटकों की आवाजाही को भी बढावा मिला और हजारों हजार हाथों को काम मिला।
प्रीतम सिंह ने कहा कि राज्य निर्माण के उपरान्त राज्य की तत्कालीन भाजपानीत सरकार ने राज्य की स्थायी राजधानी के मुद्दे को लटकाने का काम किया जिसके कारण आज तक राज्य की स्थायी राजधानी का निर्माण नहीं हो पाया है। अब केन्द्र व राज्य में सत्तासीन होने के उपरान्त भी भाजपानीत सरकारें राज्य की स्थायी राजधानी के मामले में जनता को गुमराह कर रही हैं। नेता प्रतिपक्ष डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि प्रथम निर्वाचित सरकार ने मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी जी के नेतृत्व में राज्य में विभागों का ढांचा तैयार कर विकास की बुनियाद डाली तथा 900 करोड़ की वार्षिक योजना का आकार बढ़ाकर 5000 करोड़ तक पहुंचाया। राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों को विकसित कर राज्य के बेरोजगार नवयुवकों के लिए रोजगार सृजन करने का काम किया। कांग्रेस शासन में टिहरी बांध, मनेरी भाली, धौली गंगा जल विद्युत परियोजनाओं का काम पूरा कर राज्य को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र मंे आत्म निर्भर करने का काम किया। राज्य की शिक्षा व्यवस्था में अमूल चूल परिवर्तन कर एलटी के पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया।
नेता प्रतिपक्ष डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा राज्य के पर्वतीय कृषि उत्पादों को बढ़ावा देते हुए किसानों को प्रति कुंतल अतिरिक्त बोनस की व्यवस्था कर पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि को पुर्नजीवित करने का काम किया। राज्य में हरेला जैसे पर्व मनाकर उत्तराखण्ड की संस्कृति को विश्व पटल में पहचान दिलाने का काम किया। 2013 की दैवीय आपदा से चैपट हो चुके पर्यटन व्यवसाय को पटरी पर लाने का काम किया। आज उत्तराखण्ड के सामने सबसे बड़ी चुनौती राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों से हो रहे पलायन की है जिसे रोकने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे।
गोष्ठी को संबोधित करने वालों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तोताराम काला, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, मुख्य कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र शाह, मुख्य समन्वयक धीरेन्द्र प्रताप, जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, महामंत्री नवीन जोशी, याकूब सिद्धिकी, सुरेन्द्र रांगड़, प्रदीप जोशी, अनुपम शर्मा, प्रभुलाल बहुगुणा, पूर्व मंत्री अजय सिह, प्रवक्ता डाॅ0 आर.पी. रतूड़ी, गरिमा दसौनी, सूरत सिंह नेगी, राजेश शर्मा, अमरजीत सिंह, भरत शर्मा, राजेश पाण्डेय, ताहिर अली, संजय डोभाल, सुलेमान अली, रामकुमार वालिया, राजेश चमोली, गिरीश पुनेड़ा, दीप बोहरा, राजेश परमार, उपेन्द्र थापली, सुनीज जायसवाल, अनिल कुमार गुप्ता, विजय सिंह गुसांई, मोहित नेगी, गौरव चैधरी, शाहिद मंसूरी, सुमित नेगी, बसन्त पन्त, श्यामलाल आर्य, हिमांशु बिजलवाण, दीवान सिंह तोमर, महेश राणा, राकेश नेगी, सुनित राठौर, मनोज कुमार, त्रिलोक सजवाण, महेश जोशी, महावीर सिंह रावत, निहाल सिंह चैहान, नेमचन्द, राकेश राणा, प्रणीता बडोनी, भगवती प्रसाद, आदर्श कुमार, कुंवर सिंह यादव, सावित्री थापा, जितेन्द्र बिष्ट, शांति रावत, अनिता निराला, राजकुमारी क्षेत्री, सावित्री थापा, लतासिंह, प्रभा, चतर ंिसह रावत, पंकज मेसोन, शराफत अली, डी.एल. शर्मा, यशपाल सिंह, मंजुला तोमर, मेहर लता जज, भवानी भट्ट, प्रिंस समी, शिवसिंह बिष्ट, सागर टम्टा, आदि अनेक कांग्रेसजन शामिल थे।

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