आशा कार्यकत्रियों तथा एएनएम के लिए CM ने की ये घोषणा

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री आवास में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने बारह हजार आशा कार्यकत्रियों तथा लगभग 2100 एएनएम के लिए दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा की।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर प्रदेश की 12 हजार आशा कार्यकत्रियों एवं लगभग 2100 एएनएम को दुर्घटना एवं अपंगता की स्थिति में 02 लाख रूपये तक की बीमा योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जच्चा-बच्चा की प्रारम्भिक देखभाल की जिम्मेदारी आशा कार्यकत्रियों एवं एएनएम की होती है। जन स्वास्थ्य में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने सभी एएनएम को कम्प्यूटर टैबलेट देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की आशा कार्यकत्रियों को वर्ष 2012-13 से रूकी हुई वार्षिक प्रोत्साहन धनराशि हेतु 33 करोड़ रूपये जारी कर दिये गये हैं। इससे प्रत्येक आशा कार्यकत्री को लगभग 25 हजार रूपये प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में बाल लिंगानुपात में बेटियों की संख्या में 2011 की जनगणना के बाद वृद्धि तो हुई हैए लेकिन इसको संतुलित करने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरूकता जरूरी है। 2011 में उत्तराखण्ड में बाल लिंगानुपात 890 था जो वर्तमान में 934 तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 2020 तक बाल लिंगानुपात को 950 से अधिक पहुंचाना होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगर महिला मजबूत होगी तो समाज को मजबूती मिलेगी। यदि समाज के दो पहिये समान रूप से विकास में अपना योगदान देंगे तो प्रदेश एवं समाज का विकास तेजी से होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण हेतु कृत संकल्पित है। महिला स्वयं सहायता समूहों को स्वरोजगार के लिए प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं।
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने कहा कि समाज को जोड़ने एवं समाज के संरक्षण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह अवसर केवल महिलाओं का नहीं बल्कि समाज का उत्सव है। 21वीं शताब्दी महिलाओं की शताब्दी होने जा रही है। आज महिलाएं हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही हैं। उत्तराखण्ड की महिलाएं सभी क्षेत्रों में बढ़चढ़ कर प्रतिभाग कर रही हैं एवं अच्छा कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण के लिए प्रदेश में मातृ मृत्यु दर को कम करना एवं बाल लिंगानुपात बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य तंत्र को और सुदृढ़ किया जायेगा। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव नितेश झा, अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत, स्वास्थ्य महानिदेशक श्रीमती अर्चना श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।

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