स्वच्छता नगर निकायों की हो प्राथमिकता, CM ने किया निकायों के जनप्रतिनिधियों हेतु अभिमुमखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा निकायों के जनप्रतिनिधियों को विकास कार्यो में इनोवेटिव आईडियाज पर काम करने की जरूरत है। अपने आस-पास के प्रकृति प्रदत संसाधनों का सदुपयोग करके आय बढ़ाने पर कार्य किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बुधवार को नगर निकायों के जनप्रतिनिधियों हेतु अभिमुमखीकरण कार्यशाला को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि नगर निकायों या छोटी सरकारों के जनप्रतिनिधि जनता के चुने हुए प्रतिनिधि हैं। चुने हुए जनप्रतिनिधि जनप्रिय व लोकप्रिय होते है जिन पर जनता ने अपना विश्वास व्यक्त किया है। जनप्रतिनिधि सौभाग्यशाली है कि उन्हें विकास व कल्याण के कार्यो के लिए जनसेवा का अवसर मिला है। इस अवसर की महता को समझते हुए निकायों के समुचित व सम्यक विकास के लिए गम्भीरता से कार्य करे व आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वेस्ट को एनर्जी में बदलने की तकनीके विकसित हो चुकी है जिससे एविएशन फयूल, खाद, पीने लायक पानी व धातुएं बनती है। जनप्रतिनिधियों को विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी व सभी वर्गो से नए विकल्पों पर कार्य करने हेतु चर्चा करनी चाहिए।
नगर निकायों के वितीय व विवेकाधीन अधिकारों का विस्तार-मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों के मेयर व बोर्ड के वितीय व विवेकाधीन अधिकारों का दायरा बढ़ा दिया गया है। वितीय व विवेकाधीन शक्तियां बढ़ने से नगर निकायों के मेयर व अन्य पदाधिकारियों को जनहित व विकास कार्यो में अपने कर्तव्यों के निर्वहन में आसानी होगी। उन्हें अपने सभी कार्यो के लिए शासन में नहीं आना पडे़गा।
नगर निकाय आत्मनिर्भरता की ओर बढ़े-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि नगर निकाय आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बने व अपने वितीय संसाधन बढाने पर विशेष ध्यान दे। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन विकास के लिए नगर निकायों का स्वालम्बी होना जरूरी है। नागपुर शहर का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें सीखने की जरूरत है कि यह शहर यूरीन से सालाना 85 करोड़ रूपये तक की आय कमा रहा है।
उत्तराखण्ड की परिस्थितियों के अनुरूप नीतिगत परिवर्तन-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के बहुत से नियम व नीतियां उत्तर प्रदेश के अनुसार चल रहे थे। राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों, स्थितियों, दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों के अनुरूप नीतिगत परिवर्तन किए है। हमारी परिस्थितियां अलग है। दूरस्थ क्षेत्रों में विकास सुनिश्चित हो इसके लिए कई मानकों में शिथलता दी गई है। हमने अपने मानक अपनी भौगोलिक परिस्थितियों के अनुसार बदले है। हमने आवास नीति में आमूलचूल परिवर्तन किए है।
स्वच्छता नगर निकायों की प्राथमिकता हो-मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य के अधिकतर नगर निकाय नदियो के किनारे स्थित है। अतः नगर निकायों का नदियों की स्वच्छता व संरक्षण के प्रति दायित्व बढ़ जाता है। हिमायली राज्य होने के कारण उत्तराखण्ड का दायित्व भी पर्यावरण के प्रति दायित्व स्वाभाविक रूप से अधिक है। स्वच्छता हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के रूप में डोईवाला नगर पालिका ने डीआरडीओं व केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त किल वेस्ट मशीन लगाई गई है। जो हर प्रकार का कूड़ा कुछ ही देर में जला कर समाप्त कर देती है तथा प्रदूषण भी नहीं करती है। राज्य सरकार नगर निकायों द्वारा इस इस मशीन को लगाने पर 50 प्रतिशत का अनुदान देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकाय 2022 तक किसानों के आय दुगनी करने, सभी को आवास उपलब्ध करवाने, ग्रोथ सेन्टर विकास व स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते है। इस अवसर मुख्यमंत्री ने आवास योजना के लाभार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित किए।
शहरी विकास मंत्री श्री मदन कौशिक ने कहा की नगर निकाय पारदर्शिता के साथ काम करें। नगर निकाय अपनी आय बढ़ाने के लिए लक्ष्य निर्धारित करें। आय बढ़ाने के लिए नए स्रोतों व विकल्पों की तलाश करें। नगर निकाय के जनप्रतिनिधि शासन के अधिकारियों, जिला स्तरीय अधिकारियों, जनसामान्य व सरकार से समन्वय बनाकर कार्य करें। कार्यों को पूरा करने के लिए के लिए निरंतर फॉलो अप करें। राज्य सरकार नगर निकायों को हरसंभव सहायता व सहयोग देगी।
इस अवसर पर सचिव श्री शैलेष बगोली, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, मेयर ऋषिकेश अनीता मंमगाई व गढ़वाल मण्डल के नगर निकायों के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।