देहरादून। आप भले विश्वास न करे, लेकिन यह बात पूरी तरह से सच है। रेलवे कर्मचारियों ने एक ऐसे भत्ते की मांग की है जिसका नाम सुनते ही आप भौंचक्के रह जायेंगे। यह भत्ता है ‘‘टेंशन’ भत्ता। रेलवे के स्टेशन अधीक्षकों ने अपने काम को काफी तनाव भरा बताते हुये इसके लिये अलग से भत्ते की मांग की है।
मंगलवार को जिन मांगों को लेकर कर्मचारियों ने विरोध किया उनमें यह मांग भी शामिल है। चार मांगों में ‘‘टेंशन भत्ता’ सबसे पुरानी मांग है। देश में सरकारी कर्मचारी विभिन्न तरह का भत्ता लेते हैं। कभी कपड़ा भत्ता, कभी आने जाने का भत्ता, कभी देर रात तक काम करने का भत्ता। रेलवे कर्मचारी एक और अनोखे तरह के भत्ते की मांग सरकार से कर रहे हैं। रेलवे कर्मचारियों ने सरकार से टेंशन भत्ते की मांग की है। हलांकि रेलवे कर्मचारी इस भत्ते को सेफ्टी बता बता रहे हैं लेकिन उसके पीछे मानसिक तनाव यानी ज्यादा टेंशन का ही तर्क दिया जा रहा है।
रेलवे कार्मिको का कहना था कि स्टेशन मास्टर की जिम्मेदारी काफी तनाव वाली होती है। उन्हें तनाव में काम करना पड़ता है। काम करने के दौरान हजारों यात्रियों की जान का जोखिम पर हावी रहता है। ट्रेनों के समय पर संचालन, संरक्षा, सुरक्षा के लिहाज से उनका काम अन्य कर्मचारियों की जिम्मेदारियों से अलग है। ऐसी स्थिति में काम करने वालों को अलग से भत्ता दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों में विभिन्न स्तर पर इस तरह के तनाव को कम करने के लिए सिद्धांत रूप में भक्ति स्वीकार किए गए हैं। इसी को आधार बनाते हुए रेलवे कर्मचारी भी इस तरह की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले स्टेशन अधीक्षक की जिम्मेदारी रेलवे संचालन में काफी अहम है। सरकार ने स्टेशन अधीक्षक की जिम्मेदारी को महत्व नहीं दिया है।