देहरादून। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने ऐलान किया कि संस्कृत को समृद्ध बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पवद्ध है। इसी कड़ी में यह भी फैसला लिया गया है कि पहली से आठवीं तक संस्कृत को अनिवार्य कर दिया जाए। अब तक तीसरी कक्षा से संस्कृत की पढ़ायी होती थी। अगले शिक्षा सत्र से यह व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले सत्र के लिए किताबें भी छाप दी जाएंगी।