देहरादून। अखिल भारतीय विविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ (एआईफुक्टो) के आह्वान पर अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों ने धरना दिया। शिक्षक नेताओं ने सातवें वेतनमान को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा अड़गा लगाये जाने पर आपत्ति जताई। साथ ही विसंगतियों को दूर कर महाविद्यालयों के शिक्षकों को अविलम्ब सातवां वेतनमान देने की मांग उठाई।
ग्रुटा व फुक्टा से जुड़े अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षकों ने मंगलवार को सामूहिक अवकाश लेकर सरकार के खिलाफ धरना दिया। धरना स्थल पर ग्रुटा व फुक्टा के नेताओं ने कहा कि सातवें वेतनमान को लेकर एमएचआरडी द्वारा दो नवम्बर को जारी नोटिफिकेशन शिक्षकों के हितों के खिलाफ है। नोटिफिकेशन में केन्द्र द्वारा राज्यों को दी जाने वाली सहायता को कम कर दिया गया है जिसे शतप्रतिशत करने की जरूरत है। इसी तरह प्रोत्साहन वृद्धि को समाप्त, यूजी प्राचायरे के वेतन में अवनति, असिस्टेंट प्रोफेसरों के स्केल में कमी कर दी गई है। साथ ही अधिसूचना में तदर्थ व गेस्ट लेक्र्चस को छोड़ दिया गया है। इसके अलावा भत्तों में संशोधन, कैरियर एडवांसमेंट स्कीम को भी स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इन तमाम मुद्दों को लेकर लम्बे समय से चरणबद्ध तरीके से आंदोलन चल रहा है। बावजूद इसके सरकार द्वारा कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने कहा कि मांगों पर जल्द कार्रवाई न होने की स्थिति में शिक्षक आंदोलन तेज करने को मजूबर होंगे। धरना देने वालों में फुक्टा के अध्यक्ष डा. सुधीर गैरोला, महामंत्री डा. वीसी पाण्डेय, ग्रुटा के अध्यक्ष डा. वीपी सिंह, महामंत्री डा. डीके त्यागी, फुक्टा के सहमहामंत्री डा. यूएस राणा, डीएवी के प्राचार्य डा. देवेन्द्र भसीन, डीबीएस के प्राचार्य डा. ओपी कुलश्रेष्ठ, डा. रेनू सक्सेना, डा. एमके जादौन, डा. पुष्पेन्द्र शर्मा, डा. अजय सक्सेना, डा. अतुल सिंह, डा. विवेक त्यागी, डा. हरिओम शंकर, डा. रवि दीक्षित समेत डीएवी, डीबीएस, एसजीआरआर पीजी कालेज समेत अशासकीय महाविद्यालयों के अनेक प्राध्यापक मौजूद थे।