देहरादून। सोशल मीडिया में सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार व शिक्षकों पर कार्यवाही का मामला मुद्दा बन रहा है। राजकीय शिक्षक संघ के वर्तमान अध्यक्ष केके डिमरी ने बहुगुणा व सांगा के खिलाफ कार्रवाई को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक करार दिया है। संघ ने सरकार से दो टूक कह दिया है कि बदले की भावना से किसी भी शिक्षक पर कार्रवाही बर्दाश्त नहीं है। राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी ने हालांकि यह माना है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में कुछ सीमा होती है, जिसका सभी को ध्यान रखना चाहिए। सीएम ने 15 अप्रैल के बाद मिलने का समय दिया है। डिमरी ने कहा कि संगठन को राज्य सरकार द्वारा शिक्षकों की सोशल मीडिया को लेकर कराई जा रही जांच से कोई एतराज नहीं है, बशत्रे जांच निष्पक्ष हो। शिक्षकों का शोषण संघ बर्दाश्त नहीं करेगा। अभिव्यक्ति की आजादी सभी को है। उनका कहना है कि सरकार या विभाग को अगर लगता है कि आचरण नियमावली का जानबूझकर गंभीर उल्घंन किया गया है तो मामले की जांच कर कार्रवाही की जानी चाहिए। भय का ऐसा माहौन न बनाया जाए कि शिक्षक सोशल मीडिया पर लिखने से ही डर जाए। उनका कहना है कि शिक्षक समाज का आईना होते हैं शिक्षकों से राय लेने में किसी को कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। डिमरी ने कहा कि उनकी शिक्षकों से बात हुई है अभी तक संबंधित शिक्षकों को जांच पत्र, चिट्ठी मिली ही नहीं है। उन्हें भी सोशल मीडिया या समाचार पत्रों के माध्यम से ही कार्यवाही की जानकारी मिली है। वैसे यह इतना बड़ा मुद्दा नहीं है, जितना बनाया जा रहा है।