देहरादून। प्रदेश सरकार ने बुधवार को विधानसभा में उत्तराखंड आयुव्रेद विविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2018 पेश कर दिया। दरअसल, राज्य में संचालि विविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति के प्राविधानों में कुलसचिवों की नियुक्ति के लिए अलग-अलग प्राविधान होने से दिक्कत यह हो रही थी कि एक विवि के कुलसचिव का दूसरे विवि में तबादला मुमकिन नहीं हो पाता। प्रदेश सरकार का तर्क है कि इस वजह से कार्यकुशलता व मनोबल प्रभावित होता है। इसीलिए सभी विविद्यालयों के कुलसचिवों को एक केंद्रीयकृत कैडर करने के लिए 24 अगस्त 2018 को उच्च शिक्षा विभाग ने फैसला लिया था। अब आयुष विभाग ने भी इसी तर्ज पर आयुर्वेद विविद्यालय विधेयक-2009 में संशोधन करने का फैसला लिया है। नए संशोधन के पारित होने के बाद कुलसचिव, उप कुलसचिव, व सहायक कुलसचिव की नियुक्ति उच्च शिक्षा विभाग जैसे प्राविधानों के तहत होगी।