देहरादून/हल्द्वानी। उत्तराखंड में शिक्षिका को डाटने के मामलें पर शिक्षक संघो द्वारा विभागीय मंत्री के खिलाफ खोले गये मोर्चे के बीच शिक्षा मंत्री ने साफ कहा कि जरूरत पड़ने पर वह मंत्री पद तक छोड़ देंगे।
बुधवार को हल्द्वानी में आयोजित एक कार्यक्रम में शिक्षामंत्री अरविंद पांडेय ने राजकीय इंटर कॉलेज थानो में निरीक्षण के दौरान शिक्षिका को डांटने के मामले में सफाई देने के साथ साफ कहा कि जरूरत पड़ने पर वह मंत्री पद तक छोड़ देंगे। उनका कहना था कि वह पैसे कमाने के लिए शिक्षा मंत्री नहीं बने हैं। मजदूर के बेटे हैं, न गलत करेंगे और न होने देंगे। उन्होंने कहा कि उन्हें मंत्री पद का कोई लोभ नहीं है। जरूरत पड़ी तो वह इस्तीफा देने से भी परहेज नहीं करेंगे।
बता दें कि सोमवार को शहीद नरपाल सिंह राजकीय इंटर कॉलेज थानों का निरीक्षण के दौरान शिक्षा मंत्री ने शिक्षिका से सवाल किए थे। वहीं एक शिक्षिका को गाइड से पढ़ाने को लेकर फटकार भी लगाई थी, जिसके बाद शिक्षक संगठनों की जिला कार्यकारिणी ने बैठक कर शिक्षा मंत्री के रवैये पर नाराजगी जताई और आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों का शोषण और उत्पीड़न है।