देहरादून। उत्तराखंड के एक काबीना मंत्री समेत 6 लोगों के खिलाफ CJM अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। अदालत ने इन सभी को आगामी 4 मई तक अदालत के समक्ष पेश करने के निर्देश देहरादून की एसएसपी को दिये है।
राज्य के कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत समेत छह लोगों के ख़िलाफ़ देहरादून की सीजेएम अदालत ने ग़ैर ज़मानती वारंट जारी किया है। अदालत ने देहरादून की SSP को 4 मई तक इन सभी को अदालत के समक्ष पेश करने के निर्देश दिए हैं।जानकारी के अनुसार 2 दिसम्बर 2009 को देहरादून में चल रहे विस सत्र के दौरान तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष हरक सिंह रावत के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा कूच किया था, जिसके तहत पुलिस ने उन्हें रिस्पना में रोक दिया था।इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और विधायकों ने पुलिस से धक्कामुक्की की।
पुलिस ने कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर सत्र के दौरान शन्ति व्यवस्था भंग करने और पुलिस से धक्कामुक्की करने के आरोप में 25 नेताओं, कार्यकर्ताओं पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इस पर साल 2013 से सुनवाई चल रही है। अदालत ने सभी को कोर्ट में पेश होने के लिए ज़मानती वारंट जारी किए थे जिसका शुक्रवार को आखिरी दिन था। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल और कुंवर प्रणव चैम्पियन पहले ही ज़मानत ले चुके थे। कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने पेश हो पाने में असमर्थता जताते हुए अदालत को प्रार्थनापत्र भेजा था। अन्य कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने सीजेएम कोर्ट में पहुंच ज़मानत ले ली। देर शाम अदालत ने हरक सिंह रावत, किशोर उपाध्याय, संग्राम सिंह पुंडीर, विनोद रावत, शंकर चंद रमोला व शिवेश बहुगुणा के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट जारी करने के निर्देश दिए।