आर्थिक सहायता के आवेदनों का गहनता से परीक्षण करने के निर्देश
देहरादून। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष में गलत नाम, पते के साथ सहायता प्राप्त करने के प्रयास के एक मामले का खुलासा हुआ है। अपर सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय श्री प्रदीप रावत ने बताया कि प्रकाश गोस्वामी पुत्र सेतुगिरी गोस्वामी नाम से एक व्यक्ति ने खुद को चंपावत का निवासी बताते हुए शिक्षा हेतु आर्थिक सहायता मांगी थी। विवेकाधीन कोष से आवेदक की शिक्षा हेतु रु.40 हजार स्वीकृत किया गया तथा धनराशि सीधे आवेदक को नहीं देकर उसके द्वारा बताए गए विद्यालय में डी.एम. के माध्यम से भेजी गई। डी.पी.एस. विद्यालय के प्रिंसिपल श्री भूपेश कुमार ने डी.एम. को अवगत कराया कि इस नाम व पते का कोई विद्यार्थी वहां नहीं पढ़ता है। इसके उपरांत डी.एम. ने धनराशि वापस विवेकाधीन कोष में जमा कराने हेतु भेज दी। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा परीक्षण करने पर पाया गया कि इससे पूर्व एक बार और इसी नाम के व्यक्ति को आर्थिक सहायता हेतु परिवहन मंत्री द्वारा संस्तुति की गई थी और उस समय भी यह व्यक्ति अपने दर्शाए पते पर नहीं मिला। श्री प्रदीप रावत ने बताया कि इस घटना को मा.मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है तथा सभी आर्थिक सहायता के आवेदनों का गहनता से परीक्षण करने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष की सहायता सिर्फ जरुरतमंदों तक पहुंचे इसके लिये हर स्तर पर परीक्षण किया जाएगा। श्री प्रदीप रावत ने बताया कि जनप्रतिनिधियों, मा.विधायकों तथा मा.मंत्रियों से अनुरोध किया गया है कि आर्थिक सहायता की संस्तुति करते समय आवेदक के बारे में भलीभांति जानकारी प्राप्त कर लें।