उत्तराखंड : बिना पुरुष साथी हज करने वालों में 4 महिलाएं भी

देहरादून। पहली बार बिना पुरुष साथी के उत्तराखंड की 4 महिलाएं हज करने वालों में शामिल होंगी। चारों महिलाएं इसकी तैयारी में जुट गई हैं। ख़ास बात यह है कि इन्हें लॉटरी प्रक्रिया से अलग रखा जाएगा।

हज कमेटी के चेयरमैन हाजी राव शेर मोहम्मद ने बताया कि केंद्र सरकार ने पहली बार बिना पुरुष साथी (महरम) के महिलाओं को अकेले हज यात्रा पर जाने का मौका दिया है। खास बात यह है कि ऐसी महिलाओं को कुर्राअंदाजी प्रक्रिया से भी अलग रखा गया है यानि आवेदन करने पर सीधे चयन होगा। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में पहले ही साल चार ऐसी महिलाओं ने आवेदन किया है. रुद्रपुर निवासी रफ़ीकन पत्नी नज़ीर, हल्द्वानी निवासी जमीला पत्नी मोहम्मद सिद्दीकी, फ़ातिमा बेगम पत्नी मच्छन और रमजानो पत्नी जमील का इस खास योजना के तहत चयन हुआ है। चारों महिलाएं एक साथ हज यात्रा पर जाएंगी, जिनका नेतृत्व रफ़ीकन करेंगी। इस योजना का लाभ लेने के लिए महिला की आयु 45 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।

हाजी राव शेर मोहम्मद ने बताया कि इस साल होने वाली हज यात्रा के लिए 23 जनवरी को कुर्राअंदाज़ी (लॉटरी) होगी। हज कमेटी के पिरान कलियर स्थित कार्यालय में आयोजन किया जाएगा। इस बार 1220 सीटों के लिए 4100 आवेदन आए हैं। 269 आवेदक आरक्षित हैं। उन्होंने बताया कि इस बार उत्तराखंड का कोटा 1220 है. जबकि 4100 लोगों ने हज यात्रा के लिए आवेदन किया है. जिनमें 70 साल से ज्यादा की उम्र के 269 आरक्षित हैं। इन्हें कुर्राअंदाजी से बाहर रखा जाएगा। 3,827 आवेदकों की कुर्राअंदाजी होगी जिनमें से 947 का चयन किया जाएगा।

हाजी राव शेर मोहम्मद ने बताया कि कुर्राअंदाजी में प्रदेशभर से आवेदक शामिल होंगे। इसके अलावा प्रदेश के विभिन्न स्थानों से उलमा शिरकत कर हज की बारीकियां बताएंगे। उन्होंने बताया कि आवेदकों को कुर्राअंदाजी प्रोजेक्टर पर दिखाई जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *