उत्तराखंड: शिक्षको को देनी होगी ये परीक्षा

देहरादून। अब तक बच्चों की परीक्षा लेते आ रहे उत्तराखंड के शिक्षको को भी रिजल्ट सुधार के लिए अंक सुधार की परीक्षा से गुजरना होगा। सूबे में इस समय 8 हजार से अधिक ऐसे शिक्षक है, जो डीएलएड की निर्धारित योग्यता पूर्ण नहीं करते है, लिहाजा उनको कक्षा बारह की अंक सुधार की परीक्षा में बैठना होगा।
कई साल की नौकरी के बाद राज्य के 8441 शिक्षकों को अब रिजल्ट सुधार के लिए अंक सुधार की परीक्षा देनी होगी। यह शिक्षक डीएलएड की निर्धारित योग्यता पूर्ण नहीं करते हैं। ऐसे में उन्हें राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान की कक्षा बारह की अंक सुधार परीक्षा में बैठना होगा। वह न्यूनतम एक व अधिकतम चार विषयों में परीक्षा दे सकते हैं। राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में 37230 अभ्यर्थियों द्वारा डीएलएड का पंजीकरण कराया गया है। सामान्य वर्ग में 6668 अभ्यर्थी ऐसे हैं, जिनके बारहवीं में 50 प्रतिशत से कम अंक हैं। इसी तरह आरक्षित वर्ग में 1777 अभ्यर्थी ऐसे हैं जिनके 45 प्रतिशत से कम नंबर हैं। ऐसे में ये शिक्षक डीएलएड के लिए निर्धारित योग्यता पूरी नहीं करते हैं। इन्हें अर्हता पूर्ण करने के लिए अंक सुधार का विकल्प दिया गया है। जिसके लिए एनआइओएस की स्ट्रीम-1 में 31 जनवरी 2018 तक ऑनलाइन प्रवेश लिया जा सकता है।
एनआइओएस की वेबसाइट के माध्यम से प्रवेश लिया जा सकता है। ऐसे अभ्यर्थियों की अंक सुधार परीक्षा अक्टूबर 2018 में आयोजित की जाएगी। अभ्यर्थियों के पास ऑन डिमांड परीक्षा का भी विकल्प है। जिन शिक्षकों के अंक कम हैं उन्हें कोर्स में प्रोविजनल प्रवेश दिया जाएगा। उनके 12वीं में अंक प्रतिशत निर्धारित प्रतिशत से कम होगा उन्हें डीएलएड प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जाएगा।

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