देहरादून। सूबे की प्रारंभिक शिक्षा व्यवस्था पर केंद्र की मोदी सरकार की नजरें इनायत हुई हैं। इसके साथ ही मरम्मत को तरसते प्राथमिक व अपर प्राथमिक स्कूलों व नए बनने वाले स्कूल भवनों के साथ ही नई ड्रेस का इंतजार कर रहे छात्र-छात्राओं का इंतजार भी खत्म हो गया है। वहीं स्कूलों को छोटे-मोटे खर्च के लिए ग्रांट भी मिल सकेगी।
साथ में शिक्षकों को वेतन भुगतान में भी दिक्कतें पेश नहीं आएगी। सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए) के बजट के बड़े हिस्से के रूप में 349.90 करोड़ केंद्र ने जारी किए हैं। बीते वर्षो में यह पहली बार हुआ कि केंद्र ने एकमुश्त बड़ी धनराशि जारी की। केंद्र सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2017-18 में एसएसए के लिए 921.83 करोड़ के बजट को मंजूरी दे चुकी है। इस बजट में से राज्य को अब तक महज तकरीबन 62 करोड़ जारी किए जा चुके हैं। केंद्र से काफी कम धनराशि मिलने से राज्य सरकार बेचैन थी। इस सिलसिले में शिक्षा मंत्रालय की ओर से कई बार केंद्र सरकार से पत्राचार भी किया गया। अब केंद्र सरकार ने राज्य को बड़ी राहत देते हुए बड़ी धनराशि जारी की।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने बताया कि एसएसए की इस धनराशि से स्कूलों को निर्माण कार्यो के लिए बजट उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही शिक्षकों के प्रशिक्षण, छात्र-छात्राओं को दी जाने वाली मुफ्त स्कूली यूनिफॉर्म, स्कूलों को दी जाने वाली 5000 रुपये की ग्रांट और बतौर मेंटेनेंस ग्रांट 7500 रुपये दिए जा सकेंगे। आरटीइ के तहत निजी स्कूलों में दाखिल बच्चों की फीस की बकाया राशि की प्रतिपूर्ति भी हुई है। बीते वित्तीय वर्ष 2016-17 में आरटीइ के तहत दाखिलों पर 81.50 करोड़ और वर्ष 2015-16 में नौ करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
एसएसए में इन मदों में स्वीकृत है धन:
शिक्षकों के वेतन को 309.40 करोड़, निर्माण कार्यो को 118 करोड़, मुफ्त पाठ्यपुस्तकों के लिए 10.54 करोड़, आरटीई के तहत 25 फीसद बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति को 39.50 करोड़, गणवेश को 25.64 करोड़, आवासीय विद्यालयों को 1.14 करोड़, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय को 6.09 करोड़, कंप्यूटर लर्निग कार्यक्रम को 6.50 करोड़ और सामुदायिक सहभागिता को 4.55 करोड़।