देहरादून। एनसीईआरटी की किताबें लागू करने के साथ ही शिक्षा विभाग कक्षा तीन से पर्यावरण की चिंताओं को भी गतिविधि पुस्तक में स्थान देने जा रहा है। वर्कबुक के इस प्लान में बच्चों को छोटेपन से ही पर्यावरण की चिंताओं को रोचक तरीके से सिखाने की कोशिशें भी होंगी। कक्षा तीन से पांच तक वर्कबुक में पर्यावरण को रखा जाएगा। जबकि कक्षा से छह आठ तक यह समाज विज्ञान की पुस्तकों में स्वत: ही आ जाएगा।
नये सत्र के उत्तराखंड राज्य की सरकारी शिक्षा में आमूलचूल परिवर्तन की तैयारी है। जहां प्रदेशभर के स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबें शुरू करायी जा रही हैं वहीं प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल के स्तर पर बच्चों को शैक्षिक रूप से मजबूत करने के लिए कुछ नये प्रयोग भी किये जा रहे हैं, जो अब तक सरकारी स्कूलों में नहीं हुआ करते थे। बच्चों को प्रयोगात्मक तौर पर सिखाने के लिए पहली से आठवीं तक एक वर्कबुक भी पढ़ायी जाएगी। पब्लिक स्कूलों की तर्ज पर यह वर्कबुक योरी व प्रेक्टिकल का मिशण्ररूप होगी, ताकि बच्चों को खेल-खेल में गंभीर विषयों के बारे में समझाया जाए और उनमें रुचि जगायी जाए। इस वर्कबुक का नाम गतिविधि पुस्तक रखे जाने का निर्णय हुआ है। इस वर्क बुक में अंग्रेजी, गणित, पर्यावरणीय अध्ययन के साथ हिंदी भी होगी। सर्व शिक्षा के माध्यम से इसकी पाठय़र्चया तैयार की जा रही है। इस काम में एससीईआरटी के अधिकारी, डायट के प्रवक्ताओं को लगाया गया है। इस काम में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का भी सहयोग लिया जा रहा है। सर्व शिक्षा अभियान की ओर से इस किताब को बेहतर बनाने के लिए पांच दिवसीय मंथन किया गया। इसमें विषय विशेषज्ञों ने सुझाव रखे। सीमैट में हुई इस मैराथन कार्यशाला में विशेषज्ञों के सुझावों को एकत्र किया गया है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इस पुस्तक को कक्षावार बच्चों की समझ के हिसाब से तैयार किया जाना है। ताकि वर्कबुक स्टाइल में पब्लिक स्कूलों के सफल प्रयोग को सरकारी स्कूलों में भी लागू किया जा सके। बताया जा रहा है कि विशेषज्ञों के सुझावों को सूचीवद्ध करने के बाद इसकी एक डमी तैयार की जाएगी और उस पर फिर से विशेषज्ञों की राय लेने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।