उत्तराखण्ड: युवाओं ने मुख्यमंत्री से पूछे वन टू वन प्रश्न

देहरादून। सूबे की राजधानी में आयोजित “युवा उत्तराखण्ड-उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर”  कार्यक्रम के दौरान चयनित युवाओं ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वन टू वन प्रश्न पूछे जिनका मुख्यमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया। इस दौरान युवाओं की ओर से भ्रष्टाचार,  पर्यटन,  कनेक्टीवीटी,  पलायन आयोग की रिपोर्ट से जुड़े सवालों को पूछा।
परेड़ ग्राउण्ड, देहरादून में आयोजित  “युवा उत्तराखण्ड-उद्यमिता एवं स्वरोजगार की ओर” कार्यक्रम में लाॅटरी के माध्यम से चयनित कुछ युवाओं ने मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से वन टू वन प्रश्न पूछे जिनका मुख्यमंत्री ने विस्तार से जवाब दिया।
अल्मोड़ा से ईशा जोशी ने पूछा कि राज्य सरकार ने जीरो टाॅलरेंस की पाॅलिसी अपनाई है, फिर भी जनजीवन में कई रूपों में भ्रष्टाचार है, इसे दूर करने के लिए क्या किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार समाज से पूरी तरह से तभी दूर हो सकता है जब हम स्वयं से शुरूआत करें। रिश्वत लेने के साथ रिश्वत देना भी भ्रष्टाचार है। हमें ठान लेना चाहिए कि इस तरह की बात सहन नहीं करेंगे। अगर आप भ्रष्टाचार का कोई मामला देखते हैं तो सरकार को बताएं, ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक अंधा बेटा युद्ध में जा रहा था। मां ने जब रोका तो उसने कहा कि वह दुश्मन की एक गोली तो कम कर सकता है। हमें ये ही भावना रखनी चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए मैं अकेले क्या कर लूंगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बनते ही भ्रष्टाचार पर जीरो टाॅलरेंस की नीति अपनाई गई। बहुत से लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई। भ्रष्टाचार न सहन किया है और न ही सहन करेंगे।
बागेश्वर से ज्योति ने पूछा कि पर्यटन कुछ स्थानों तक ही सीमित क्यों है। बागेश्वर में भी बहुत से सुंदर स्थान हैं, वहां पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए क्या किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। हमारे पुराने पर्यटन स्थल सेचुरेटेड हो चुके हैं। हमारी सरकार नए पर्यटन स्थलों का विकास कर रही है। थीम बेस्ड 13 डिस्ट्रीक्ट 13 न्यू डेस्टीनेशन विकसित किए जा रहे हैं। हम कोशिश कर रहे हैं कि हाई एंड टूरिस्ट राज्य में आएं। एडवेंचर टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स, पर्वतारोहण, विंटर स्पोर्ट्स पर फोकस किया जा रहा है।
टिहरी के नीरज शर्मा ने पूछा कि प्रदेश में पहली बार इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। इसके बाद प्रदेश में इसमें आए प्रस्तावों पर क्या प्रगति हुई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड मे पहली बार इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की गई। इसमें बड़ी-बड़ी कम्पनियों ने प्रतिभाग किया। 1 लाख 24 हजार करोड़ रूपए के एमओयू किए गए। पिछले 5 माह में 13 हजार करोड़ के निवेश पर धरातल पर काम शुरू हो गया है। इससे 20 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा।
पौड़ी के इंदू उनियाल ने पूछा कि पलायन आयोग की रिपोर्ट पर सरकार ने क्या किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पलायन आयोग की रिपोर्ट से हमारे पास यह जानकारी आ गई है कि किस गांव से कितना पलायन हुआ और इसका क्या कारण था। यहां तक कि किस गांव में क्या स्थानीय संसाधन उपलब्ध हैं। इसी रिपोर्ट के आधार पर ग्रोथ सेंटर की परिकल्पना पर काम किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार पर खासतौर पर फोकस किया जा रहा है।
देहरादून के अभिषेक नैथानी ने पूछा कि राज्य में कनेक्टीवीटी की दिशा में क्या किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क, रेल व एयर कनेक्टीवीटी में बड़ा काम चल रहा है। आज जौलीग्रान्ट एयरपोर्ट देश के प्रमुख शहरों से जुड चुका है। आॅलवेदर रोड़ व ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर तेजी से काम चल रहा है। मुजफ्फरनगर-देवबंद-रूड़की रेललाईन से देहरादून से दिल्ली का सफर साढे तीन घंटों में किया जा सकेगा।
देहरादून की प्रियंका बिष्ट ने पूछा कि उत्तराखण्ड आर्गेनिक स्टेट कब बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्वतीय क्षेत्र वैसे तो डिफाल्ट ही आर्गेनिक है। परंतु सरकार ने अपने स्तर से बड़ी कोशिश की है। 10 हजार आर्गेनिक क्लस्टर चिन्हित किए जा रहे हैं। 27 ब्लाॅक को आर्गेनिक घोषित किया गया है। हम उत्पादों के सर्टिफिकेशन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।

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