देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के संवर्धन प्रभाग द्वारा उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्य वन विभाग के कार्मिकों के लिए ’बीज प्रौद्योगिकी’ पर साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आज से शुरू हो गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम मे उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्य वन विभाग के (पी.सी.सी.एफ, ए.पी.सी.सी.एफ, सी.सी.एफ, ए.सी.एफ एवं रेंज अधिकारी) कानपुर, बरेली, वाराणसी एवं लखनऊ (उ.प्र.) तथा पिंजौर (हरियाणा) के संवर्धन प्रभाग के लगभग 25 प्रतिभागी सहभागिता कर रहे हैं।
प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के उद्घाटन में डा0 सविता, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान ने कहा कि बीज किसी भी पौधरोपण कार्यक्रम का अभिन्न अंग है और इसे महत्वपूर्ण समझा जाना चाहिए। अतः बीज प्रौद्योगिकी पर ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के जरिए यह सब संभव हो सकेगा। वानिकी के महत्वपूर्ण अव्यव के रूप में बीज पर अपने विभाग की ओर से संबोधन में पवन कुमार, पी.सी.सी.एफ, यू.पी.एस.एफ.डी ने वन अनुसंधान संस्थान को इस बीज प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए धन्यवाद दिया। श्रीमती आरती चौधरी, प्रमुख संवर्धन प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान ने भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम पर अपने विचार व्यक्त किए।
इससे पूर्व डा. ओमबीर सिंह, पाठ्यक्रम समन्वयक ने पाठ्यक्रम पर एक विस्तृत रिपोर्ट दी और बताया कि बीज प्रयोगशाला में प्रायोगिक प्रदर्शन देने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। डा0 मनीषा थपलियाल ने इस प्रशिक्षण पाठयक्रम में सम्मिलित किए गए बीज प्रौद्योगिकी एवं टिस्यू कल्चर पर विभन्न व्याख्यानों के बारे में बताया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में बीज संरक्षण की तकनीकियों, बीज बोना, संरक्षण, सुप्तावस्था पूर्व उपचार, बीज भण्डारण, बीज प्रशिक्षण, बीज प्रभावीकरण एवं टिस्यू कल्चर सहित वानिकी प्रजातियों का गुणवत्तापूर्ण उत्पादन शामिल है।