देहरादून। आप भले विश्वास न करे, लेकिन यह सच है। एक ही प्रमाणपत्र में दो शिक्षक नौकरी कर रहे है। फर्क सिर्फ इतना है कि इनमें से एक जहां उप्र में, तो दूसरा उत्तराखंड में नौकरी कर रहा है। एसआईटी की ओर से शिक्षा विभाग को वैधानिक कार्रवाई की संस्तुति के साथ पूरी रिपोर्ट भेजी जा रही है।
अमान्य डिग्री के कई मामले सामने आ चुके हैं, मगर ताजा मामला एक प्रमाणपत्र पर दो शिक्षकों की नियुक्तियों का है। दोनों शिक्षकों की हाईस्कूल, इंटर और बीएड के प्रमाणपत्र एक पाये गये है। यूपी और उत्तराखंड में दस्तावेजों की जांच के बाद एसआईटी इस नतीजे पर पहुंची है। जानकारी के अनुसार एसआइटी को शिकायत मिली कि रामनगर ब्लाक के थारी राजकीय प्राथमिक स्कूल के प्रधानाध्यापक राम किशोर के प्रमाणपत्र फर्जी हैं। इस संबंध में एसआइटी इस शिक्षक के प्रमाणपत्रों की जांच कर रही थी। जांच में पता चला कि राम किशोर के नाम से मुरादाबाद के छजलैट में कोई सहायक अध्यापक है। टीम ने छजलैट जाकर उसके शैक्षिक प्रमाण-पत्रों की जांच की तो साफ हुआ कि उत्तर प्रदेश के शिक्षक राम किशोर और उत्तराखंड के प्रधानाध्यापक राम किशोर की हाईस्कूल, इंटर और बीएड की डिग्री एक ही है। अनुक्रमांक नंबर से लेकर हर विषय के नंबर भी एक ही हैं। नाम और पिता का नाम भी एक ही है।
एसआइटी टीम ने मुरादाबाद, रामनगर, रामपुर, पिथौरागढ़ और काशीपुर जांच की गई। जहां इस फर्जीवाड़े के पुख्ता सबूत मिले। एसआईटी प्रभारी श्वेता चौबे ने बताया कि यूपी के मुरादाबाद और उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर और रामनगर में जांच पड़ताल में एक डिग्री से दो नौकरी का खुलासा हुआ है। दस्तावेज साक्ष्यों के संकलन से इस बात की पुष्टि हुई है। इसकी पुष्टि उसके भाइयों ने करते हुए कहा कि राम किशोर का असली नाम नरेश राम है। बताया कि उन्हें भी अपने भाई का नाम रामकिशोर होने की जानकारी नहीं है। छजलैट के राम किशोर की डिग्री उत्तराखंड के राम किशोर उर्फ नरेश तक कैसे पहुंची है, यह पुलिस विवेचना में ही साफ हो पाएगा। फिलहाल शिक्षा विभाग को वैधानिक कार्रवाई की संस्तुति के साथ पूरी रिपोर्ट भेजी जा रही है।