कांग्रेस मुख्यालय पर हमले का मामला पहुंचा राजभवन

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर पर भाजपा के अराजक तत्वों द्वारा किये गये हमले मामला अब राजभवन पहुंच गया है।  कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल जिसमें पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह भण्डारी, केदारनाथ विधायक मनोज रावत व जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह व पूर्व विधायक राजकुमार सहित 18 पार्टी नेता शामिल थे, आज राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से राजभवन में मिला। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से आवश्यक कार्यवाही करने की मांग की है।
कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल का ध्यान 19 दिसम्बर, 2018 को भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय में की गई तोड़फोड एवं उत्पाद की ओर आकर्शित करते हुए कहा कि इस दिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की राश्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री कुमारी शैलजा एवं प्रदेष कंाग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह पार्टी मुख्यालय में राफेल विमान घोटाले के सम्बन्ध में एक पत्रकार सम्मेलन को संबोधित करने के लिए उपस्थित थे, तभी अचानक पार्टी मुख्यालय के बाहर नारे सुनाई देने लगे। पार्टी कार्यालय पर भाजपा के झण्डे व डण्डे लिए भाजपा के अराजक व हिंसक कार्यकर्ता भाजपा के अनेक विधायकों के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में घुस आये और पार्टी कार्यालय में लगे पार्टी के होर्डिंग, बैनर्स फाडने के साथ ही कार्यालय में उपस्थित कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने लगे। वहां उपस्थित पार्टी की राश्ट्रीय महासचिव कुमारी शैलजा एवं प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह द्वारा जब उग्र भाजपा कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से मना किया गया तो उन्होंने दोनों नेताओं को भद्दी-भद्दी गालियां दी व राफेल मुद्दे पर खामोष रहने की चेतावनी देते हुए ऐसा न करने पर जानसे मारने की धमकी दी। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह रही कि इस पूूरे घटनाक्रम को वहां उपस्थित पुलिस अधिकारी मूक दर्षक बनकर न केवल देखते रहे बल्कि वहां पर उपस्थित एक सीओ चन्द्र मोहन ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्री प्रीतम सिंह के साथ अभद्रता की तथा उनको देख लेने की धमकी भी दी। वहां उपस्थित पुलिस कर्मियों ने उग्र भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने की जगह कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं से ही अभद्रता की। इस सारे घटनाक्रम में पुलिस की भूमिका से यह स्पश्ट हो रहा है कि यह सब कुकृत्य भाजपा सरकार के इषारों पर किया गया और कल प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट के उस बयान से कि ‘‘यह हमारा राश्ट्रीय कार्यक्रम था और हम भविश्य में भी ऐसा करेंगे’’ से पूरी तरह स्पश्ट हो गया है कि भारतीय जनता पार्टी का राश्ट्रीय नेतृत्व देश में विपक्ष की आवाज दबाने के लिए हिंसा व अराजकता का सहारा ले रहा है।
कांगे्रस प्रतिनिधिमण्डल ने कहा कि उत्तराखण्ड के कांग्रेसजन इस बात से अत्यंत क्षुब्ध हैं कि उक्त घटनाक्रम की षिकायत व कार्रवाई की मांग पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में पार्टी के नेताओं द्वारा उसी दिन एडीजी कानून व्यवस्था अषोक कुमार से मिलकर लिखित रूप में किये जाने के बावजूद आज तक पुलिस द्वारा कार्रवाई की बात तो दूर उक्त घटनाक्रम की प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की।
कांग्रेसजनों ने कहा कि आज यह प्रतिनिधिमण्डल राज्य के लाखों कांग्रेसजनों की ओर से आपसे आग्रहपूर्वक मांग करने आया है कि आप राज्य की सरकार के संरक्षक होने के साथ-साथ पूरे राज्य के भी संरक्षक हैं और हम अपेक्षा करते हुए आपसे मांग करते हैं कि इस गम्भीर प्रकरण का संज्ञान लेकर भाजपा के अराजक तत्वों द्वारा सरकार के संरक्षण में किये गये इस हमले पर राज्य सरकार को प्रताड़नात्मक संदेश देने के साथ-साथ इस घटना के लिए दोशी नेताओं वे कार्यकर्ताओं के विरूद्ध एवं इस घटनाक्रम में मूकदर्षक बनी रही पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियेां के विरूद्ध कार्रवाई करने के निर्देष निर्गत करने की कृपा करेंगे।
प्रतिनिधि मण्डल में पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना,पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह भण्डारी, केदारनाथ विधायक मनोज रावत, पूर्व विधायक राजकुमार,जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, अनुशासन समिति अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, श्रीमती गोदावरी थापली, जिला कांग्रेस अध्यक्ष संयज किशोर, महानगर कांग्रेस अध्यक्ष लालचंद शर्मा, परवा दून अध्यक्ष गौरव सिंह, गरिमा महरा दसौनी, नीनू सहगल, महानगर महिला कांग्रेस अध्यक्ष कमलेश रमन,प्रभु लाल बहुगुणा, जगदीश धीमान, नागेश रतूडी, कमर सिद्दकी शामिल रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *