देहरादून। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के 2022 तक कृषकों की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूरा करने के लिए सबको योगदान देना होगा। किसानों के कल्याण के लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार ने अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई है। कृषि और उससे जुड़े कायरे के लिए जितना बजट प्रदेश को 17 सालों में मिला था। उससे अधिक बजट राज्य को अगले तीन सालों के लिए मिला है।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह बात शुक्रवार को परेड ग्राउंड में राज्य स्तरीय गोष्ठी एवं फार्म मशीनरी बैंक मेले में प्रतिभाग के दौरान कहीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कृषि यंत्रों, विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों एवं स्थानीय उत्पादों पर लगाई गई आजीविका से जुड़ी प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही सभी जिलों के 13 स्वयं सहायता समूहों को फार्म मशीनरी बैंक के लिए लगभग एक करोड़ रुपये के चैक वितरित किए। वहीं, उन्होंने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा फार्म मशीनरी बैंकों से उपकरणों की उपलब्धता होगी तथा कृषक उत्पादों की वैल्यू एडिशन में मदद मिलेगी। कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक का प्रयोग एवं स्थानीय उत्पादों का वैल्यू एडिशन करना जरूरी है। पर्वतीय क्षेत्रों में छोटी एवं बिखरी जोतों पर चकबंदी से कृषकों को फायदा होगा। किसान चकबंदी के लिए आपस में भूमि बंटवारा कर सकते हैं। जिसके लिए सरकार तैयार है। ऐरोमेटिक प्लांट एवं ट्यूबलर खेती से अच्छी आय अर्जित की जा सकती है। एरोमेटिक प्लांट को बढ़ावा देना जरूरी है। अधिकतर खेती वष्ा पर आधारित है। जल संचय पर ध्यान देना होगा।
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कृषि में यंत्रीकरण से लागत में कमी के साथ-साथ कृषकों की आय में वृद्धि की जा सकती है। प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में विशेष रूप से कृषि महिलाओं पर निर्भर है। फार्म मशीनरी बैंक में आठ कृषकों के समूह को 10 लाख रुपये तक के कृषि यंत्र उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। जिस पर 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। जबकि 20 प्रतिशत धनराशि कृषक समूह द्वारा स्वयं या किसी संस्था अथवा बैंक ऋण के माध्यम से वहन की जाएगी। कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए 370 समूहों का चयन किया गया है। मार्च 2019 तक 470 अतिरिक्त समूहों का चयन किया जायेगा।वष्ा आधारित कृषि क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए सरकार ने एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना संचालित की है। योजना कलस्टर आधारित है जो ग्रामीणों द्वारा स्वयं सहकारिता पर संचालित की जाएगी। इसमें एक कलस्टर में कम से कम 100 कृषकों को सम्मिलित किया जाएगा। प्रथम चरण में एक विकासखंड से एक ग्राम का चयन किया जाएगा। चयनित ग्राम को मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। चयनित गांव में कृषि, उद्यान, सब्जी उत्पादन, जड़ी-बूटी, पशुपालन, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, डेयरी विकास, रेशम विकास, कृषि यंत्रीकरण, जल संरक्षण, प्रोसेसिंग कलेक्शन सेंटर आदि कार्य किए जाएंगे।
इस मौके पर विधायक खजान दास, देशराज कर्णवाल, प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, कंट्री कॉर्डिनेटर आईफैड मीरा मिश्रा, पंतनगर विवि के कुलपति डा. एसके मिश्रा, बीना बहुगुणा, विनय गोयल, सुनील उनियाल आदि मौजूद थे।