कृषक बन्धु समिति की बैठक आयोजित

देहरादून। ‘‘ कृर्षि मूलस्थ जीवनम’’ (कृषि ही जीवन है) जैसे पुनीत उद्देश्य से प्रेरणा लेते हुए कृषकों की समस्याओं के त्वरित एवं समयबद्ध रूप से निस्तारण करने एवं उन्हें विभिन्न योजनाओं व तकनीकी की जानकारी उपलब्ध कराने हेतु मुख्य विकास अधिकारी/प्र0 जिलाधिकारी जी.एस रावत की अध्यक्षता में विकासभवन सभागार में कृषि विभाग के सौजन्य से ‘कृषक बन्धु समिति’ की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में कृषि, मत्स्य, पशुपालन, नलकूप, सिंचाई, पेयजल, गन्ना, अनाज क्रय केन्द्रों इत्यादि में किसानों के कल्याण हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं के संचालन में आ रही बाधाओं, सम्बन्धित विभागों के स्तर पर कृषक विकास के सम्बन्ध में अपनायी जा रही प्रक्रिया के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक में कृषक बन्धुओं ने पशुपालन टीकारण, पशुधन बीमा और पशुधन बीमा क्लेम के सम्बन्ध में पशुपालन विभाग और सम्बन्धित बीमा कंपनी की लापरवाही से सदन को अवगत कराया। इस पर मुख्य विकास अधिकारनी ने संज्ञान लेते हुए मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को निर्देश दिये कि मानक के अनुसार नियमित टीकाकरण करवायें, कार्मिकों को फिल्ड में भेजकर पशुधन, उनका बीमा व टीकाकरण के वास्तविक आंकड़े पेश करें और पशुधन की बीमारी से सम्बन्धित शिकायत पर त्वरित संज्ञान लें और कृषक बन्धुओं के समन्वय से कार्य करें। पशुधन बीमा की प्रगति से अंसतुष्टी व्यक्त करते हुए मुख्य विकास अधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को निर्देश दिये कि सम्बन्धित बीमा कम्पनी की सभी पक्षों के साथ बैठक करवा लें जिसमें बिमित पशुधन तथा लम्बित बीमा क्लेम का स्पष्ट व सही विवरण सहित उपस्थिति सुनिश्चित हो।
उन्होंने अम्बीवाला टी-स्टेट एरिया में एक ही स्थान पर दो ओवरहैड टैंक बनाने की शिकायत पर तथा कैंचीवाला में बिना पेयजल कनेक्शन के दो-दो बिल उपभोक्ता को प्रेषित करने पर संज्ञान लेते हुए अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान को जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी फसल क्रय केन्द्रों पर अगले खरीद सीजन सेे पर्याप्त व व्यवस्थित खरीद प्रक्रिया और सहकारी समितियों के स्तर पर किसानों को खाद्य  व बीज की आपूर्ति भी समय से उपलब्ध कराने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनपद में जहां-जहां ऐसे तालाब हैं, जिनमें सिल्ट-मिट्टी-गाद इत्यादि भर गयी हो, उनको मनरेगा के माध्यम से साफ करवायें, जिससे उसमें पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता होने के साथ ही सिंचाई और ट्यूबेल व स्त्रोत इत्यादि के रिचार्ज होने की सम्भावना में भी बढोतरी हो सके। उन्होंने अगली बैठक में नलकूप, लघु सिंचाई सहित अन्य सभी सम्बन्धित सभी पक्षों को भी उपस्थित रखने के निर्देश दिये।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी प्रदीप पाण्डेय, मुख्य कृषि अधिकारी/नोडल अधिकारी कृषक बन्धु समिति  विजय देवराड़ी, सहायक अभियन्ता लो.नि.वि एम.एम पुण्डीर, जिला कार्यकारिणी भारतीय विकास संघ के अध्यक्ष भुवन डबराल, महामंत्री राजेन्द्र सकलानी सहित सम्बन्धित अधिकारी व कार्मिक उपस्थित थे।

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