केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो पर नजर रखेंगे मोदी

देहरादून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि केदारनाथ धाम को भव्य स्वरूप प्रदान करना उनकी प्राथमिकता है। लिहाजा वह वह खुद केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यो पर नजर रखेंगे। उन्होंने ऑल वेदर रोड के निर्माण में इस माह हुई प्रगति पर संतोष जताया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रगति (प्रो एक्टिव गवर्नेस एंड टाइमली इंप्लीमेंटेशन) की समीक्षा की। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यो के साथ चार धाम ऑल वेदर रोड निर्माण कार्यो की प्रगति की प्रधानमंत्री को जानकारी दी। मुख्य सचिव ने उन्हें बताया कि केदारनाथ में सरस्वती नदी पद पर तेजी से कार्य चल रहा है। मंदाकिनी नदी का कार्य स्वीकृत हो चुका है। जल्द कार्य शुरू हो जाएगा। गरुड़चट्टी का कार्य भी मंजूर हो गया है। अब सर्वे कार्य चल रहा है। मुख्य सचिव ने यह भी बताया कि वह दो बार मौके पर जाकर पुनर्निर्माण कार्यो का जायजा ले चुके हैं। बर्फबारी के बावजूद निम कार्यो को अंजाम तक पहुंचा रहा है। वहां सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। मुख्य सचिव अपने ऑफिस में बैठकर निर्माण कार्यो की नियमित निगरानी कर रहे हैं।
ऑल वेदर रोड पर प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राथमिकता के आधार पर इस महत्वपूर्ण परियोजना को गुणवत्ता के साथ करना है। केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री व गंगोत्री के लिए सुरक्षित सुविधाजनक व सुगम यात्रा सुविधा तीर्थयात्रियों को मिल सकेगी। मुख्य सचिव ने बताया कि 11700 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 889 किमी सड़क निर्माण के लिए टाइमफ्रेम तय कर कार्य किया जा रहा है। 889 किमी में केंद्र सरकार ने 395 किमी के कार्य मंजूर किए थे। इनमें से 340 किमी के कार्यो को अवार्ड कर दिया गया है। सड़क की टू-लेनिंग के लिए भूमि जनवरी के पहले हफ्ते में सौंप दी जाएगी।
मुआवजा वितरण को प्राप्त 190 करोड़ में से 145 करोड़ रुपये दस हजार किसानों को वितरित किए जा चुके हैं। नवंबर में प्राप्त 28.54 करोड़ रुपये का वितरण एक हफ्ते में हो जाएगा। 250 हेक्टेयर वन भूमि का क्लीयरेंस हो गया है। मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य सरकार ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन का गठन कर निर्देशों का पालन किया है। डीएमएफ में खनिज क्षेत्र में प्रभावितों को चिकित्सा सुविधा, स्वच्छ पेयजल आपूर्ति, कल्याणकारी परियोजनाएं और प्रभावित क्षेत्रों में खनन से क्षतिग्रस्त पारिस्थितिकी की बहाली शामिल है।

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