माफिया से आजीवन सहयोग के नाम पर लिया पैसा
मसूरी। राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि केंद्र सरकार के शासन में काला धन वापसी की घोषणा खोखली साबित हुई है। मोदी शासन में विजय माल्या, ललित मोदी व नीरव मोदी करोड़ों रपए का भ्रष्टाचार कर देश से भाग चुके हैं। इसमें मोदी सरकार की संलिप्ता जाहिर होती है।
पत्रकारों से राज्यसभा सदस्य प्रदीप टम्टा ने कहा कि केदारनाथ आपदा पीड़ित परिवारों केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राहत राशि को बढ़ाया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री को राफेल सौदे पर केंद्र को स्पष्टीकरण देना चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार पर आजीवन सहयोग राशि के नाम पर 25 करोड़ की धनराशि एकत्रित करने के लिए नौकरशाहों व मंत्रियों पर पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि खनन व शराब माफिया से भारी भरकम राशि वसूल की गई। इससे त्रिवेंद्र सरकार के जीरो टारलेंस नीति पर सवाल उठने लाजमी हैं। वह अग्निकांड पीड़ित गांव सावणी गए थे। 40 परिवार टेंटों में रहने के लिए मजबूर हैं लेकिन उनके साथ केंद्र और राज्य सरकार ने धोखा किया है। पीड़ितों को केंद्र द्वार दी गई सहायता राशि बहुत कम है। उन्होंने सांसद निधि से गांव के विकास के लिए 10 लाख रपए देने की घोषणा की। टम्टा ने कहा कि एनएच 74 घोटाले की जांच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत सीबीआई से कराने के लिए डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 14 000 करोड़ के बैंक घोटाले के आरोपित नीरव मोदी को बाहर कैसे जाने दिया गया। इस मौके पर पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, सतीश ढौंडियाल, पालिकाध्यक्ष मनमोहन सिंह मल्ल व राम प्रसाद कवि आदि मौजूद थे।