गाय को राष्ट्रमाता की पदवी पर बैठाना गौभक्तों का सबसे बड़ा मिशन : सीताशरण

परेड मैदान में भव्य गौकथा का शुभारम्भ
देहरादून। सनातन धर्म की आत्मा गाय में बसती है और सनातन परम्परा में मान्यता प्राप्त 33 कोटि देवी-देवता भी गाय में ही वास करते हैं इसलिए हर सनातनी का यह परम कर्तव्य है कि वह गाय माता को राष्ट्रमाता की पदवी पर बैठाने के सन्त गोपाल मणि महाराज के संकल्प के पूरा करने की मुहिम में योगदान दें।
यह बात आज राजधानी देहरादून के परेड मैदान में गौक्रान्ति मंच के तत्वाधान में शुरू हुई सात दिवसीय धेनु मानस गौ कथा के प्रथम दिन कथा व्यास सीताशरण ने कही। इससे पूर्व कथा का शुभारम्भ आयोजन समिति के संरक्षक सूर्यकान्त धस्माना, मनोहर लाल जुयाल, बलबीर सिंह पंवार, अजय पाल सिंह रावत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कथा व्यास सीताशरण ने गौ महिमा को बताते हुए गाय के गोबर के महत्व को बताते हुए कहा कि हमारी पूजा में सबसे पहले गोबर के गणेश को स्थापित किया जाता है क्योंकि गणेश ज्ञान व बुद्धि के देवता हैं और अगर बुद्धि एवं ज्ञान चाहिए तो गोबर गणेश का आदर करें।
उन्होंने गाय माता का महत्व बताते हुए कहा कि पितरों के निमित्त गौदान एवं पंचगव्य से पितरों को तर्पण दिया जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे कोई भी धार्मिक कार्य गाय, पंचगव्य व गाय के गोबर के बिना कोई कार्य पूरा नहीं होता। कथा व्यास सीता शरण ने लोगों से आहवान किया कि गाय को राष्ट्रमाता के पद पर प्रतिष्ठित करने के लिए गुरूदेव गोपाल मणि महाराज के 18 फरवरी 2018 के आहवान को सफल बनाने के लिए जुटें। आज प्रथम दिन गौ कथा शुभारम्भ होने से पूर्व बड़ी संख्यां में सौभाग्यवती माता, बहिनों ने सूक्ष्म कलश यात्रा निकाल कर कथा व्यास का स्वागत किया।

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