ग्रोथ सेन्टर व विकास में वन पंचायतों की तय हो भूमिका : CM त्रिवेन्द्र

देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड के 12000 वन पंचायतो ( जिनमें लगभग आधे से अधिक सक्रिय है) में विकास व वन उत्पादों के कमर्शियल उपयोग की अच्छी संभावनाएं है। वन पंचायतें कुटकी, कीड़ा-जड़ी उत्पादन, साॅयल कन्जर्ववेशन, जल संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
ग्रोथ सेन्टर योजना की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने प्रमुख वन संरक्षक को निर्देश दिए कि अध्ययन करवाया जाए कि वन पंचायतों की विशेष भौगोलिक स्थितियों में  किस प्रकार वन उत्पाद पैदा किए जा सकते है जो स्थानीय आर्थिकी को  मजबूत करने के साथ पलायन पर प्रभावी अंकुश लगाए। सचिव वित ने जानकारी दी कि वन पंचायतों के पास समुचित वितीय संसाधन है। कैम्पा के तहत सत्रह करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित है तथा जायका के तहत दो सौ करोड़ रूपये दिए गए है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि ग्रोथ सेन्टर स्थापित करने के कार्य निर्धारित टाइमफ्रेम पर किए जाए, अधिकारी स्पष्ट करे कि कितनी अवधि में कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
ग्रोथ सेन्टर में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो-मुख्यमंत्री
इसके साथ ही सेरिकल्चर के लिए तीन बुनाई आधारित ग्रोथ सेन्टर के प्रस्तावों पर एक सप्ताह के भीतर निर्णय लिया जाएगा। अल्मोड़ा के हवालबाग में मसाला, बागेश्वर के गरूड़, पिथौरागढ़ के गौरीहाट मूनाकोट, चमोली के तलवाड़ी थराली व देहरादून के कालसी कोटी इच्छाड़ी में कृषि उत्पाद आधारित कुल 23 ग्रोथ सेन्टर एकीकृत आजीविकास सहयोग परियोजना के तहत विकसित किए जा रहे है।
युनाइटेड नेशन डेवलपमेंट नेशन (यूनडीपी) के तकनीकी सहयोग से मंडुवा, झंगौरा व चैलाई उत्पादन कलस्टर विकास
पौड़ी गढ़वाल के थैलीसैंण के पित्रसैंण, पावो के मरोड़ा व टिहरी गढ़वाल के नरेन्द्रनगर के मड़गांव में मंडुवा झगौंरा व चैलाई उत्पदान के कलस्टर टीएचडीसी के सहयोग से विकसित किए जा रहे है। तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में यूएनडीपी को वैल्यू चैन्स विकसित करने का अच्छा अनुभव है अतः प्रस्ताव उन्हें भेज दिए गए है। इसमें महिला स्वयं सहायता समूहों की प्रभावी भूमिका होगी।
नई दिल्ली म्युनिसिपल काॅरपाॅरेशन (एनडीएमसी) से उत्तराखण्डी उत्पादों के सेलिंग पाइंट हेतु बातचीत
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखण्डी उत्पादों के लगभग पच्चीय सेलिंग पाइंट नई दिल्ली में खोलने के लिए नई दिल्ली म्युनिसिपल काॅरपाॅरेशन (एनडीएमसी) के चैयरमेन से चर्चा की गई है। दिल्ली में उत्तराखण्डी प्रवासियों की बढ़ी आबादी होने के कारण उत्तरखण्ड के स्थानीय उत्पादों की अच्छी मांग है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने देहरादून नारी निकेतन में ही  फूलों व अगरबत्ती उत्पादों के लिए प्रोसेसिंग मशीन लगाने के निर्देश दिए। अभी फूल व अगरबत्ती उत्पाद प्रोसेसिंग के लिए दिल्ली भेजे जाते है।

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