देहरादून। जी हा, यह सच है। शिक्षा विभाग में शैक्षणिक दायित्वों को संभाल रहे करीब 5500 अतिथि शिक्षकों को 31 मार्च के बाद घर बैठना पड़ेगा। हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुरूप उन्हें आगे सेवा विस्तार मिलने की संभावनाएं बहुत ही क्षीण दिख रही हैं। इसको देखते हुए शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की भर्ती और प्रोन्नति की कार्रवाई को तेज करते हुए शिक्षकों की कमी पूरा करने के लिए वैकल्पिक तैयारी तेज कर दी है।
वर्तमान में प्रदेश 5500 से करीब गेस्ट टीचर तैनात हैं। इनमें प्रवक्ता ग्रेड में तीन हजार व एलटी ग्रेड में 2500 शिक्षक हैं। शिक्षा विभाग ने शिक्षकों की कमी को देखते हुए वर्ष 2015 में गेस्ट टीचर रखने का निर्णय लिया था। उस समय 6400 गेस्ट टीचरों की नियुक्ति करके तत्काल शिक्षकों की कमी को पूरा किया गया था। उसके बाद अगले प्रदेश में सरकार गिर जाने के कारण गेस्ट टीचर को सेवा विस्तार नहीं मिल पाया। इसकी वजह से दोनों मुख्य राजनीतिक दलों के बीच में गेस्ट टीचर को लेकर के जबरदस्त आरोप-प्रत्यारोप भी हुए। बाद में गेस्ट टीचर को सरकार की बहाली के साथ ही बहुत मुश्किलों के साथ बहाल किया जा सका। इस बीच किसी ने हाईकोर्ट में इस नियुक्ति के खिलाफ अपील कर दी। जिससे सरकार की उनको बहाल करने की कोशिशों पर ब्रेक लग गया।
गेस्ट टीचरों का दबाव और शिक्षकों की कमी को देखते हुए वर्तमान सरकार ने उनकी बहाली के लिए काफी प्रयास किये। अगस्त 2017 में कोर्ट ने सिर्फ एलटी ग्रेड के शिक्षकों की अनुमति दी और प्रवक्ता के लिए अनुमति के लिए सरकार ने फिर से कोर्ट में अपना पक्ष रखा। इसके बाद अक्टूबर 2017 में प्रवक्ताओं समेत सभी अतिथि शिक्षकों को इस शर्त पर बहाल किया गया कि 31 मार्च 2018 के बाद उन्हें हटा दिया जाएगा। सरकार के सामने उन्हें सेवा विस्तार दिलाना बहुत बड़ी मजबूरी थी। पहला यह कि शिक्षकों की कमी न रहे और दूसरा यह किस चुनाव के दौरान गेस्ट टीचर से किया गया पुनर्नियुक्ति का वायदा पूरा हो सके। कोर्ट के इस आदेश को देखते हुए इस बार यह उम्मीद बहुत कम दिख रही है कि उनकी सेवाओं को फिर से विस्तार मिल पाएगा। उधर गेस्ट टीचर संघ के मीडिया प्रभारी दीपक कुमार ने कहा कि सब जान रहे हैं कि सरकार के हाथ में कुछ नहीं है, कोर्ट ने 31 मार्च तक की बहाली की है। इसलिए सरकार को 31 मार्च के बाद फिर से बहाली के लिए कोर्ट में सशक्त तरीके से बात रखनी होगी। गेस्ट टीचरों को उम्मीद है कि पहले की तरह सेवा विस्तार देने के लिए सरकार पूरी कोशिश करेगी।