हल्द्वानी। पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि 2 जी स्पेक्ट्रम में सीबीआई कोर्ट के ताजा आदेश के बाद यह साफ हो गया है कि केंद्र सरकार का जन्म झूठ की कोख से हुआ है। एक षडयंत्र के तहत यूपीए वन की सरकार को बदमान किया किया। उन्होंने कहा कि गैरसैंण में स्थायी राजधानी के लिए ढांचागत सुविधाएं जुटाने में उनकी सरकार ने एक दाई की भूमिका तय की। राज्य गठन के समय कार्यवाहक सरकार की चूक का फल लोग अभी तक भोग रहे हैं।
यह आरोप श्री रावत ने यहां स्वराज आश्रम में पत्रकार वार्ता में लगाया। उन्होंने कहा कि टूजी के फैसले के बाद संवैधानिक संस्थाओं के लिए एक संदेश भी आया है। उन्होंने कहा कि नीतिगत निर्णय का अधिकार केवल संसद एवं सरकार को है। इस पर एक षडयंत्र के तहत झूठा आरोप लगाना गलत है। इसके लिए देश की जनता कभी भी माफ नहीं करेगी। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कैग की भूमिका पर गहरे सवाल उठाते हुए साफ किया कि यूपीए सरकार को बदनाम करने के लिए एक षडयंत्र के तहत इस तरह के झूठ को प्रचारित किया गया। इसी तरह से कोयला घोटाले का सच सामने आने वाला है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राष्ट्र के गौरव हैं। श्री रावत ने राज्य सरकार पर तंज करते हुए कहा कि यह सरकार दो कदम आगे नहीं बल्कि दो कदम पीछे चल रही है। गैरसैंण विस सत्र में तो सरकार भाग गई थीं जबकि जब वे इस भावनात्मक मुद्दे का हल करने का प्रयास कर रहे थे तो भाजपा के लोग सरकार पर आरोप लगा रहे थे। अब यह सरकार गैरसैंण पर स्थिति साफ नहीं कर रही है। कांग्रेस का गैरसैंण पर स्टैंड बिल्कुल साफ है। कांग्रेस सरकार ने राज्य गठन के बाद हुई कार्यवाहक सरकार की भूल को ठीक करने के कदम बढ़ाए।उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस सरकार ने सारे नीतिगत फैसले ठंडे बस्ते में डाल दिए हैं जबकि सरकार का चेहरा बदलता रहता है। नीतियां वहीं रहती हैं। हां, अगर राजनीतिक हित लाभ के लिए कोई नीति बनायी गई है तो उस पर बहस की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वे भांग की खेती पर कानून बनाने जा रहे थे। भांग के नए बीज बनाए गए थे। सरकार भांग का वाणिज्यिक प्रयोग करना चाहती थीं। तब भाजपा ने जमकर विरोध किया। अब यह सरकार भांग की खेती के लिए कानून बनाने जा रही है। वे इसका स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कांग्रेस सरकार की आबकारी नीति का जमकर विरोध किया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार यूपी, हरियाणा, मध्यप्रदेश के खनन कारोबारियों को यहां का खनन कारोबार सौंपने जा रही है। इससे राज्य को भारी आर्थिक नुकसान ही नहीं, इससे जुड़े लाखों लोगों का रोजगार छिन जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा पत्थर एवं रेते पर पूंजीपति एवं ताकतवर लोगों का एकाधिकार करना चाहती है। अगर ऐसा हुआ तो उत्तराखंड में मकान बनाना काफी मुश्किल काम हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के राज में रेता 25 रुपया प्रति कुंतल था। यह रेता अब 120 से लेकर 140 रुपया प्रति कुंतल हो गया है। सरकार एक षडयंत्र के तहत रेते के रेट बढ़ाती जा रही है। इस मौके पर पूर्व दायित्वधारी प्रयाग भट्ट, प्रदेश महामंत्री खजान पांडेय, सतीश नैनवाल, राहुल छिमवाल, हेमंत बग्डवाल, ललित जोशी, विजय सिजवाली, हुकुम सिंह कुंवर, मोहन सनवाल समेत तमाम नेता मौजूद थे।