डेंगू/मलेरिया बुखार के ये है लक्षण, इस तरह करे बचाव

देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। वर्तमान में गर्मी बढने के साथ ही मच्छरों का प्रकोप भी बढने लग गया है, जिसके कारण डेंगू/मलेरिया बुखार की फैलने की सम्भावना बनी हुई है। डेंगू/मलेरिया बुखार से बचाव एवं जनसामान्य को जागरूक करने के उद्देश्य से मुख्य चिकित्सा अधिकारी देहरादून डाॅ एस.के गुप्ता ने डेंगू/मलेरिया बुखार के लक्षणों की जानकारी देते हुए आम जनमानस को उससे बचाव के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने डेंगू के लक्षणों के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू में अचानक तेज सिर दर्द व बुखार होना, मांसपेशियों तथा जोड़ों में तेज दर्द होना, आंखों के पीछे दर्द होना, जो कि आंखों को घुमाने से बढता है, जी मचलाना एवं उल्टी होना, गंभीर मामलों में नाक, मुह , मसूड़े से खून आना अथवा त्वचा पर चकते उभरना है प्रमुख है। मलेरिया के लक्षणों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मलेरिया में अचानक बहुत ठण्ड लगकर तेज बुखार आने के साथ ही दांत बजना, रोगी का बहुत ओढावन ओढना चाहना, शरीर में जलन, सिर व बदन दर्द, फिर पसीना आकर बुखार उतरना प्रमुख है।
उन्होंने डेंगू/मलेरिया से बचने के उपायों की जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू फैलाने वाला मच्छर रूके हुए साफ पानी में पनपता है, जैसे कूलर का पानी, खुली पानी की टंकी, पक्षियों व पशुओं के पीने के पानी का बर्तन, फ्रीज की टैª, फूलदान, नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन, टायर, डिस्पोजल बर्तन-गिलास दोने इत्यादि। उन्होंने पानी से भरे हुए बर्तनों व टंकियों आदि को ढक कर ही रखनें, प्रत्येक सप्ताह कूलर को खाली करके सुखा कर ही उपयोग में लानें की बात कही। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि डेंगू मच्छर दिन के समय ही काटता है ऐसे में पूरी बाजू के कपड़े पहनना चाहिए जिससे पूरा शरीर ढका रहे। उन्होंने मच्छर रोधी क्रीम, क्वाईल, रिपेलेन्ट अदि का यथासम्भव उपयोग करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि डेंगू के उपचार के लिए कोई खास दवा व वैक्सीन नही होती है। बुखार उतरने के लिए पैरासीटामोल लिया जा सकता है। एस्प्रीन या इबुब्रेफेन का इस्तेमाल न किया जाय। उन्होंने बताया कि डेंगू के रोगी को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है ऐसी स्थिति होने पर चिकित्सक की सलाह ली जाय। उन्होनें कहा कि सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, घर में कीटनाशक का छिड़काव करें, अनावश्यक एकत्र पानी में जला हुआ मोबिल आॅयल/मिट्टी का तेल डाल दें, बुखार आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में अपने खून की जांच करायें। उन्होंने बताया कि उपरोक्त लक्षण होने पर गर्भवती महिलाओं एवं 1 साल से छोटे बच्चों को चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही दवा दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *