….तो क्या BJP के लिए जरूरी नहीं रहे खंडूड़ी

पार्टी को खंडूडी नाम के लिखे झंडो से भी परहेज, कूंडे के ढेर में मिले नाम लिखे झंडे
देहरादून। लगता है भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सीएम भुवनचन्द्र खंडूड़ी अब पार्टी के लिए जरूरी नहीं है, शायद यही वजह है कि खंडूड़ी नाम लिखे भाजपा के झंडे कूड़े के ढेर में पड़े हुए मिले। खंडूडी नाम के भाजपा के झंडे कूंड़े के ढेर में मिलने का मामला फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री भुवनचन्द्र खंडू़ड़ी अब भाजपा के लिए जरूरी नहीं रह गए हैं, शायह यही वजह है कि भुवनचन्द्र खंडूड़ी नाम के लिखे भाजपा के झंडे से भी पार्टी नेता व कार्यकर्ता बचने लगे है, तभी उन्हें कूड़े के ढेर में फेंकना उन्हें सही लगता नजर आ रहा है। जानकारी के मुताबिक देवप्रयाग में पूर्व सीएम भुवनचन्द्र खंडूड़ी के नाम से छपे झंडों को कूड़े के ढेर में डालकर लगता है कि भाजपा उनसे अपना पल्ला छुड़ाना चाहती है। बता दें कि शांति बाजार के निकट कूड़े के ढेर में फेंके मिले हैं।

चर्चा में है कूड़े के ढेर में फेंके गए खंडूड़ी नाम के भाजपा के झंडे
खास बात यह है कि ऐन लोकसभा चुनाव के वक्त बीसी खंडूड़ी नाम से छपे पार्टी झंडों के कूड़े के ढेर में मिलना भाजपा में खंडूड़ी के समर्थकों को बहुत बुरा लग रहा है। इस बाबत कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष नंदन टोडरिया व अन्य कांग्रेसी नेताओं ने इसे भाजपा की यूज एंड थ्रो की सोच वाली पॉलिसी बताया। वहीं भाजपा नगर अध्यक्ष शशि ध्यानी व अन्य भाजपाईयों का कहना है कि शहर के किसी गोदाम में यह पार्टी की पुरानी प्रचार सामग्री थी और साफ सफाई के चलते गोदाम मालिक ने इसे बाहर फेंका होगा।
जानकारों का कहना है कि वर्ष 2012 में भुवनचन्द्र खंडूड़ी के नाम पर खंडूड़ी है जरूरी नारे के साथ विधानसभा चुनाव लड़कर बड़ी संख्या में सीटें जीतने वाली और लम्बे समय तक खंडूड़ी को अपना सब कुछ मानने वाली भाजपा के लिए ये स्थिति दिक्कतें पैदा करने वाली हैं। इसका वो अगर ध्यान रखती तो ऐसी शर्मनाक स्थिति पैदा नहीं होती। बहरहाल अब इसे किसी की शरारत कहे, या कुछ और, लेकिन कूंडे के ढेर में खंडूड़ी नाम के भाजपा के झंडे मिलने का मामला फिलहाल चर्चा का विषय बना हुआ है। मीडिया में भी इसको लेकर खासी चर्चा है।

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