देवार गाॅव स्मार्ट विलेज के अन्तर्गत चयनित

रूद्रप्रयाग। पलायन को रोकने के लिए पहाड के गाॅव को स्मार्ट गांव बनाया जाएगा। इससे पहाड़ पर गाॅव का विकास और रोजगार के संसाधन उपलब्ध होगे। इस योजना के जरिए युवाओं को अपने गाॅव में ही रोजगार मिलेगा जिससे उन्हे बाहर जाने की जरूरत नहीं पडेगा। जनपद के देवार गाॅव को स्मार्ट विलेज के अन्तर्गत चयनित किया गया। शासन.प्रशासन की सहायता से गाॅव को मूलभूत सुविधाओं से लैस किया जाएगा। यह बात पंत नगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा. ए.के. मिश्रा ने देवर गाॅव में आयोजित स्मार्ट विलेज की प्रथम बैठक में कही। कहा कि गाॅंव के विकास हेतु समय.समय पर विभिन्न बैठकें आयोजित की जाएंगी। कहा कि कृषकों की आय को दोगुना करने के लिए पूरा देश सोच रहा है। लाइन डिपार्टमेंटए शोध व बैकिंग सेवा मिलकर योजनाएं तैयार कर कार्य करेंगी। गाॅव में जल सग्रहणए सरक्षंण एवं संवर्द्धन का कार्य करना होगा। कृषकों को क्लस्टर बनाकर एक तरह का व्यवसाय करना होगा तभी आय दोगुनी होगी। इस अवसर पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि स्मार्ट विलेज ग्राम देवर के विकास हेतु विभागों को आपसी समन्वय बनाकर कार्य करना होगा। विभाग को नई तकनीकी से कृषकों को रूबरू कराना होगा जिससे फसलों की उत्पादकता बढे़। प्रधान ग्राम देवर विक्रम लाल द्वारा सौ हल व सौ गाय की मांग की गई। जिस पर जिलाधिकारी ने कृषि एवं पशुपालन विभाग को आवश्यक कार्यवाही कर मांग को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। गाॅव की बजंर भूमि पर 10 परिवार द्वारा मिलकर कृषि कार्य करने पर हर्ष जताया।
पंचायत घर देवर गांव में 14वीं वैज्ञानिक सलाहकार की बैठक लेते हुए गोविन्द बल्लभ पन्त कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालयए पंतनगर के कुलपति पशु चिकित्सा वैज्ञानिक डा ए. के. मिश्रा ने कृषि विज्ञान केन्द्र जाखधार के वैज्ञानिकों को गाॅव.गाॅव जाकर कृषकों को प्रशिक्षण देने के निर्देश दिए। कहा कि कृषकों को प्रशिक्षण किसान की भाषा में दिया जाए। कहा कि ग्रामीण पशुपालन का कार्य तो करते है किन्तु उन्हें दाना बनाना का ज्ञान नहीं होता कि दाने मं भूसाए चाकरए दलिया आदि की मात्रा कितनी होनी चाहिए। केवीके के वैज्ञानिकों द्वारा एक्शन प्लान के जरिए किसनों को दिए गए प्रशिक्षण को पीण्पीण्टीण् के माध्यम से दिखाया गया। कुलपति ने कहा कि 2022 तक कृषकों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए विपणन की व्यवस्था करनी होगी जिससे कृषक अपने उप्पादों का विक्रय कर लाभ अर्जित कर सके।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केवेके के सहयोग से जनपद के 35 गाॅव के दो हजार कृषकों का डेटा.बेस तैयार कर कृषको को भौगोलिक परिस्थ्तियिों के अनुरूप पौध वितरण का कार्य किया जाएगा। प्रशिक्षण का फाॅलोअप भी किया जा रहा है जिससे उपयोगी सिद्ध हो सके। केण्वीण्केण् द्वारा कृषकों को चार दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया था जिसके प्रतिभागियों को कुलपति द्वारा प्रशस्ति.पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर वैज्ञानिक निदेशक शोध डाॅ. एसएन तिवारी, निदेशक प्रसार डा. वाईपीएस डवास, प्रभारी केवीके डा. एके अग्रवाल, डा. वीवी सिंह, डा. नीलकान्त, इन्जीनियर यूके सक्सेना, सीवीओ डा. रमेश नितवाल, डीएचओ जेएल मखनवाल सहित ग्रामीण उपस्थित थे।

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