धू-धू कर जल उठे रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले

देहरादून। असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक विजयदशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। परेड ग्राउंड में 62 फुट अहंकारी लंकाधिपति रावण, मेघनाद व कुंभकरण के पुतले को धू-धूकर कर जले। श्रीराम ने रावण को बाणों से छलनी कर दिया और समूचा क्षेत्र जय श्रीराम, जय हनुमान के जयघोष से गूंज उठा।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में हजारों लोगों ने रावण दहन का नजारा देखा। शनिवार को दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी की ओर से विजयादशमी मेले का भव्य आयोजन किया गया। दशहरे मेले में सुबह से ही नगर एवं समीपवर्ती क्षेत्र के लोग परेड ग्राउंड में जुटने लगे थे। शाम होते-होते परेड ग्राउंड में रावण, मेघनाद, कुंभकरण के पुतलों के दहन देखने के लिए जन सैलाब उमड़ पड़ा। दशहरा मेले में आतिशबाजी टीमों ने जमीन से लेकर आसमान तक जोरदार धमाकों के साथ आतिशबाजी कर रंग बिरंगी छटा बिखेरी। अंधेरा घिरने से पुतलों के दहन तक आसमान पटाखों की गूंज और रंग बिरंगी चमक से सरोबोर रहा। इससे पूर्व कालिका मार्ग स्थित श्री गोपीनाथ मंदिर से भव्य झांकियों के साथ दशहरा कमेटी बन्नू बिरादरी की शोभायात्रा शुरू हुई। शोभायात्रा में श्री राम परिवार, रावण दरबार समेत विभिन्न झांकियों मां कालिका भवन में आगवानी के बाद यात्रा मोती बाजार, पलटन बाजार, राजपुर रोड, एस्ले हॉल होती हुई शाम पांच बजे परेड मैदान पहुंची, तब तक पूरा मैदान खचाखच भर चुका था। उसके बाद राम लीला और हनुमान ने रावण की लंका को राख के ढेर में तब्दील कर दिया। इससे बाद श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान, रावण, कुंभकरण, मेघनाद व सेना के बीच युद्ध हुआ। साथ ही युद्ध में परास्त होने पर कुंभकरण, मेघनाद के पुतलों को दहन किया गया। अंत में श्रीराम ने रावण की नाभि में बाण चलाकर पुतले का दहन किया। ठीक छह बजकर पांच मिनट पर पहले मेघनाथ, फिर कुंभकरण और आखिर में रावण का पुतला तीर लगते ही धमाकों के साथ जलकर राख हो गया। दशहरा मेले में मुख्यमंत्री ने लोगों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि राम के जीवन दर्शन को जीवन में उतारने से ही स्वच्छ समाज का निर्माण हो सकता है।
उन्होंने आयोजकों को डेढ़ लाख रुपये देने की घोषणा की। इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, मेयर विनोद चमोली, गणोश जोशी, हरबंस कपूर, उमेश शर्मा काऊ, खजान दास, दिनेश अग्रवाल, उमेश अग्रवाल, मोहन खत्री, लालचंद शर्मा, संजय गुप्ता, दशहरा कमेटी के प्रधान संतोख सिंह नागपाल, अध्यक्ष हरीश विरमानी, योगराज नकरा,रमेश खनीजो, अमरनाथ अरोड़ा, पृवीराज चौहान, पंकज कालरा, एनके दत्ता, भारत आहूजा, सुरेश ग्रोवर, विजय सिन्दुरिया, तिलक चांदना, मनोज साहनी, आशीष, मुकेश शर्मा, महेश जायसवाल आदि मौजूद रहे।

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