नोटबंदी की बरसी : कांग्रेसियों ने मनाया काला दिवस, निकाली रैली

देहरादून। नोटबंदी की पहली बरसी पर कांग्रेसियों ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों सहित देहरादून में रैली निकालकर मोदी सरकार के फैसले का विरोध किया। काला दिवस पर रैली, जुलूस एवं प्रदर्शनों किए गए।
देहरादून में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतमं सिंह के नेतृत्व में प्रदेश कार्यालय में जुटे सैकड़ों कांग्रेसजनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी कांग्रेस कार्यालय से घंटाघर-पलटन बाजार-कोतवाली-डिस्पेंसरी रोड होते हुए वापस राजीव गांधी भवन तक पहुंचे। विरोध मार्च के दौरान बड़ी संख्या में लोग रास्ते में भी शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने किया। कांग्रेसी जीएसटी देश भुगत रहा है, नोटबंदी देश भुगत रहा है जैसे नारे लिखी तख्तियां लिये हुए कांग्रेसी राजपुर रोड से निकले तो वहां यातायात जाम हो गया। वापसी में दर्शन लाल चौक से राजपुर रोड तक जुलूस से लोगों को भारी दिक्कतें भी झेलनी पड़ी। जुलूस वापस आने के बाद कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि एक साल पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिये गये नोटबंदी के एक वर्ष बाद भी पूरे देश में असमंजस का माहौल बना है। दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में निवास करने वाला आदमी इस सदमे से नहीं उबर पाया है।

उन्होंने कहा कि काला धन बाहर निकालने एवं जाली करेंसी को चलन से बाहर करने के नाम पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लिये गये इस फैसले के पीछे देश के चुनिंदा औद्योगिक घरानों को लाभ पहुंचाने तथा देश की अर्थव्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने की साजिश है। इस फैसले से गरीब, किसान मजदूर, छोटा व्यापारी व निम्न आय वर्ग का व्यक्ति सबसे अधिक प्रभावित हुआ। रोज कमा कर खाने वाले छोटे व्यवसायी, रेहड़ी-ठेली लगाकर फल, सब्जी बेचने वाले मजदूर, टैक्सी, मैक्सी, री व्हीलर, रिक्शे वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया। प्रीतम ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा बिना पूर्व तैयारी के जीएसटी को लागू किया गया। कांग्रेस जीएसटी की पक्षधर रही है तथा यूपीए सरकार के समय 2004 में पहली बार तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिदम्बरम ने अपने भाषण में जीएसटी का उल्लेख किया था। यूपीए सरकार की कोशिश थी कि 2010 तक जीएसटी देश में लागू किया जाय तथा इसके लिए सभी राज्यों से जीएसटी के बारे में सहमति भी मांगी गई थी। तत्कालीन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिह चौहान ने जीएसटी पर सहमति नहीं दी थी। प्रीतम ने कहा कि मोदी सरकार ने प्रतिवर्ष विदेशी बैंकों में जमा करने की सीमा को बढ़ाया।
विरोध प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष डा. इन्दिरा हृदयेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, विधायक ममता राकेश, फुरकान अहमद, राजकुमार, पूर्व मंत्री नवप्रभात, दिनेश अग्रवाल, मंत्री प्रसाद नैथानी, मातवर सिंह कण्डारी, हीरा सिंह बिष्ट, अम्बरीश कुमार, जोत सिंह गुनसोला, विजयपाल सजवाण, राजकुमार, मदन सिंह बिष्ट, ललित फस्र्वाण, बलवीर नेगी, जिला पंचायत अध्यक्ष चमन सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष शंकर चन्द रमोला, सूर्यकान्त धस्माना, अब्दुल रज्जाक, महामंत्री विजय सारस्वत, डा. संजय पालीवाल, गोदावरी थापली, नवीन जोशी, राजपाल खरोला, घनानन्द नौटियाल, केएस राणा, आनन्द रावत, मथुरादत्त जोशी, राजेंद्र शाह, लालचन्द शर्मा, प्रभुलाल बहुगुणा, अजय सिंह, संजय जैन, डा. आरपी रतूड़ी, गरिमा दसौनी, हिम्मत सिंह बिष्ट, भुवन कापड़ी, श्याम सिंह चौहान, रामविलास रावत, नीनू सहगल, राजेश चमोली, मीना बछवाण, यामीन अंसारी, जयेन्द्र रमोला, प्रदेश सचिव संजय किशोर, प्रणीता बडोनी, भरत शर्मा, नवीन पयाल, राजेश पाण्डेय, शांति रावत, दीप बोहरा, महेश काण्डपाल, विनोद चौहान, मेघ सिंह, प्रमुख राजपाल सिह, महेन्द्र राणा, लता जज, जगदीश धीमान, अल्का पाल, जितेन्द्र सरस्वती, नेमचन्द, रामकुमार वालिया, सतीश ढौंडियाल, अनिल गुप्ता, अभिनव थापर, महावीर रावत, पूनम भगत, ताहिर अली, कैप्टन बलवीर सिंह रावत, मेजर हरि सिंह चौधरी, कमलेश रमन, सुनीता प्रकाश, अमरजीत सिंह, सूरत सिंह नेगी, महन्त विनय सारस्वत, महेश जोशी, दीवान सिंह तोमर, सुलेमान अली, मोहन काला, गोपाल क्षेत्री, केबी थापा, भरत चन्द रमोला, संजय अग्रवाल, तेलूराम, मास्टर सतपाल, कलीम खान, यशपाल राणा, राजेश शर्मा, दिनेश कौशिक, हनीफ व मनीष नागपाल आदि उपस्थित थे।

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