देहरादून। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्रवान पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा आज पंचायती राज दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर समस्त जिला मुख्यालयों में पंचायत एवं स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी कार्यक्रम के तहत उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस पंचायतीराज विभाग के तत्वावधान में कांग्रेस प्रदेश मुख्यालय, देहरादून में 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की अवधारणा पर आधारित संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेतागण एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित थे।
गोष्ठी को संबोधित करते हुए कांग्रेस वक्ताओं ने कहा कि स्व0 राजीव गांधी जी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी का सपना साकार करने तथा सत्ता के विकेन्द्रीकरण के उद्देश्य से संविधान में संशोधन के माध्यम से पंचायतों को अधिकार सम्पन्न बनाने के साथ-साथ महिलाओं तथा समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व का अवसर प्रदान किया जो कि पंचायतों के इतिहास में एक क्रांन्तिकारी कदम साबित हुआ है। 73वें संविधान संशोधन के लगभग 20 वर्ष बाद राजीव गांधी जी की दूर दृष्टि के परिणाम अब परिलक्षित होने लगे हैं तथा त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनावों में जनता ने जिस तरह से युवा शक्ति को प्रतिनिधित्व का मौका दिया है उससे हमें विश्वास है कि आगामी समय में पंचायतें विकास एवं सुविचारों के नये सोपान तय करेंगी।
वक्ताओं ने कहा कि जहां एक ओर कांग्रेस पार्टी मजबूत पंचायतीराज व्यवस्था में आस्था रखती है तथा कांग्रेस ने हमेशा पंचायतीराज व्यवस्था की मजबूती के लिए कार्य किया है परन्तु दूसरी ओर वर्तमान केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकार पंचायतीराज सस्थाओं के अस्तित्व को ही समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 राजीव गांधी जी ने संविधान के 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन के माध्यम से पंचायतों को जो शक्ति दी थी वर्तमान सरकार पंचायतों के इन अधिकारों को समाप्त करने पर तुली हुई है। भारतीय जनता पार्टी द्वारा सत्ता बल, धन बल एवं बाहुबल का प्रयोग कर लोकतंत्र की हत्या करने तथा लोकतंत्र को कलंकित करने का काम लगातार किया जा रहा है। उत्तराखण्ड की राज्य सरकार द्वारा विपक्षी दल के चुने हुए पंचायत एवं निकाय प्रतिनिधियों के खिलाफ बदले की भावना से राजनितिक षड़यन्त्र के तहत फर्जी मुकदमें दर्ज कर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। राज्य सरकार के इशारे पर विपक्षी पार्टी के जनप्रतिनिधियों पर अलोकतांत्रिक तरीके से मुकदमें दर्ज किये जा रहे हैं जो लोकतंत्र के लिए चिन्ता का विषय है।
गोष्ठी को संबोधित करने वालों में पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व विधायक जोत सिंह गुनसोला, पूर्व प्रमुख प्रभुलाल बहुगुणा, पंचायतीराज विभाग के अध्यक्ष सूरत सिंह नेगी, प्रदेश प्रवक्ता डाॅ0 आर0पी0 रतूड़ी, गरिमा दसौनी, राजेश पाण्डे, जिला पंचायत सदस्य शकुन्तला नेगी, जिला पंचायत सदस्य रमेश चन्द, प्रमुख महेन्द्र राणा, ज्येष्ठ उपप्रमुख अश्विनी बहुगुणा, पार्षद ललित भद्री, क्षेत्र पंचायत सदस्य अनिल क्षेत्री, देवेन्द्र बुटोला, प्रधान धनीमाला ठाकुरी, त्रिलोक सजवाण, महेश जोशी, बसन्त पन्त, दलवीर बत्र्वाल, चन्द्र मोहन, शाह नवाज, निहाल सिंह, देवेन्द्र सिंह आदि शामिल थे।