देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्य सचिव को पर्वतीय रोजगार सृजन और आर्थिक संसाधनों के विकास के लिये विभिन्न सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने एमएसएमई नीति को प्रभावी तरीके से लोगों के बीच पहुंचाने के निर्देश भी दिये। उन्होंने सभी न्याय पंचायतों को ग्रोथ सेन्टर के रूप से विकसित करने की योजना के अन्तर्गत पंचायतों के संसाधन और अन्य संबन्धित आवश्यकताओं हेतु एक सर्वे कराने के भी निर्देश दिये जिससे प्रत्येक न्याय पंचायत के अनुरूप विशिष्ट कार्य योजना बनाई जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रोथ सेण्टर की योजना परिणाम आधारित (आउटकम बेस्ड) होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर विभागों की परफार्मेंस को और अधिक आउटकम वेस्ड(परिणाम आधारित) बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा प्रत्येक सरकारी विभाग को अपनी परफार्मेंस का हिसाब उनके कार्यों के परिणाम के आधार पर देना होगा। मुख्य सचिव श्री उत्पल कुमार सिंह ने पर्वतीय क्षेत्रों में रोजगार सृजन और निवेश की संभावनाओं को बढ़ाने के लिये सरकार की ‘‘लैण्ड लीज पाॅलिसी’’ को और अधिक प्रचारितप्रसारित करने की आवश्यकता बतायी। उन्होंने बताया कि लैण्ड लीज पाॅलिसी हेतु एक वेब पोर्टल विकसित किया जा रहा है। इस पोर्टल पर जमीन लीज पर देने वालों के विवरण के साथ ही, जिन्हें लीज पर जमीन चाहिए उनकी आवश्यकता हेतु भी स्थान होगा। बहुत से प्रवासी उत्तराखण्डवासी है जो विभिन्न उद्यमों हेतु अपनी जमीन किराये पर देना चाहते है और बहुत से प्रवासी उत्तराखण्डवासियों को निवेश हेतु राज्य में भूमि की आवश्यकता होती है। इसके अतिरिक्त अन्य निवेशक भी इस नीति के तहत अनुमन्य उद्योग या व्यवसायिक उपक्रम स्थापित कर सकते हैं। इस अवसर पर प्रमुख सचिव उद्योग श्रीमती मनीषा पंवार भी उपस्थित थी।