पलायन रोकने को इन बेटियों ने ढूंढा नायाब तरीका

पलायन के मुंह पर करारा तमाचा
रुद्रप्रयाग। युवा शक्ति अपनी मेहनत के दम पर पहाड़ों से पलायन रोकने की मुहिम छेड़े हुए हैं। उनकी यह नई पहल काश्तकारों के लिए तो लाभप्रद साबित होगी ही साथ ही इससे भविष्य में पलायन पर भी अंकुश लगेगा। ऐसा ही काम कर रही हैं रुद्रप्रयाग जनपद की दो बेटियां।
जनपद के रानीगढ़ पट्टी क्षेत्र के कोट-मल्ला गांव की दो युवतियां बड़ी इलायची की खेती से जिले से पलायन को रोकने में अपना सहयोग दे रही हैं। जहां एक तरफ जिले के काश्तकार जंगली जानवरों और उनके आतंक से खेती से मुंह मोड़ रहे हैं, वहीं इन दोनों लड़कियों ने इलायची की खेती से बीच का रास्ता निकाला है और बहुत ही नायाब तरीके से खेती कर रही हैं। इलायची की खेती करने वाली मनीषा और सुमन ने इसकी शुरुआत की है। मनीषा ने एचएनबी गढ़वाल विश्वविद्यालय से इंग्लिश में एमए किया है और सुमन बीकॉम की छात्रा हैं। इन दोनों ने मिलकर गांव वालों के लिए एक नई मिसाल कायम की है। जहां एक तरफ गेहूं की फसल को जंगली जानवर नुकसान पहुंचा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इलायची को जंगली जानवरों से कोई नुकसान नहीं है। कारण, बड़ी इलायची को जानवर खाने में पसंद नहीं करते।


जंगली जानवरों से नहीं डर
मनीषा और सुमन दोनों ने मिलकर लगभग दस नाली की भूमि में इलायची की खेती शुरू की और इससे उन्हें काफी फायदा भी हो रहा है। इलायची की फसल को जंगली जानवरों से कोई नुकसान नहीं है, इसलिए जो भी फसल होती है उसे वो बेच देते हैं।
महंगे मसालों में शुमार है इलायची
इलायची महंगे मसालों में शुमार है। हर छोटे-बड़े होटलों से लेकर फाइव स्टार होटलों तक में इसकी बहुत डिमांड है। इलायची की कीमत लोकल बाजार में 1500 रुपये प्रति किलो है। मनीषा और सुमन के साथ ही युवा कृषक लक्ष्मण सिंह चौधरी भी बड़ी इलायची की खेती कर रहे हैं।
ऐसे ही तरीकों को खोजना होगा
प्रदेश के प्रसिद्ध पर्यावरणविद् जगत सिंह चौधरी का कहना है कि गांव से हो रहे पलायन को रोकने के लिए गांव में तकनीकी तरीके से खेती करनी होगी। उन्होंने कहा कि पॉलीटेक्निक करने वाले बच्चों को गांव में तकनीकी रूप से खेती के रास्ते ढूढ़ने होते हैं। जिस तरह से गांव के युवा बच्चों ने अपने गांव में रहकर बड़ी इलायची की खेती का विचार किया और इस पर मेहनत की, ऐसे ही सभी को अपनी जन्मभूमि में रहकर आर्थिक पहलुओं पर सोचना चाहिए और काम करना चाहिए। इससे ना सिर्फ पलायन रुकेगा, बल्कि राज्य भी मजबूत होगा।

ER Kamlesh Chandola Scientist‎

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