देहरादून। पलायन रोकने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। साथ ही प्रदेश में निवेशकों को आकृष्ट करने के लिए विशेष रूप से प्लानिंग कर रही है। इस क्रम में सरकार ने विशेषज्ञ समिति के गठन का फैसला लिया है।
राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने एवं निवेशकों को आकर्षित करने के लिए जड़ी-बूटी एवं चाय के कृषिकरण को बढ़ावा देने के लिए राज्य के किसानों के अतिरिक्त बाहरी क्षेत्रों से भी निवेश किए जाने के मकसद से उत्तराखंड में को-ऑपरेटिव फार्मिग,कांट्रेक्ट फार्मिग एवं लीज फार्मिग पर विचार किया जा रहा है। उद्यान एवं रेशम सचिव डी.सेंथिल पांडियन के मुताबिक इसके लिए कार्ययोजना बनाने और नीति निर्धारित किये जाने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। विशेषज्ञ समिति में अपर सचिव,उद्यान को अध्यक्ष नामित किया गया है। इसके साथ ही निदेशक उद्यान, निदेशक जड़ी-बूटी शोध एवं विकास संस्थान गोपेश्वर, निदेशक उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड अल्मोड़ा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, भेषज विकास इकाई देहरादून,वैज्ञानिक प्रभारी सगंध पौधा केंद्र, सेलाकुई देहरादून, तथा सचिव राजस्व द्वारा नामित अधिकारी को विशेषज्ञ समिति में सदस्य नामित किया गया है।पांडियन के मुताबिक समिति द्वारा राज्य में आगामी 8-10 वर्षो के लिए एक वृहद कार्ययोजना तैयार करते हुए एक माह के अंदर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध करायेगी।