16 उम्मीदवार सीधे साक्षात्कार में होंगे शामिल
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। पीएचडी 2019-2022 बैच के लिए मंगलवार को श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय में रिसर्च एन्ट्रेंस टेस्ट (आरईटी) का आयोजन हुआ। प्रवेश परीक्षा में देश विदेश से आए 69 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। यह जानकारी एसजीआरआर विश्वविद्यालय के डीन रिसर्च डाॅ अरुण कुमार ने दी।
उन्होंने बताया कि प्रवेश परीक्षा में मुख्यतः उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, महाराष्ट, बिहार, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश तथा जम्मू एवम् कश्मीर आदि राज्यों से छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रवेश परीक्षा में कुल 69 छात्र-छात्राओं ने 20 विषयों के लिए प्रतिभाग किया। उन्होेंने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद यह चैथा पीएचडी बैच शुरू होने जा रहा है। मुख्य विषय योगिक साइंस, मेडिकल साइंसेज़, बायोटैक्नोलाॅजी, माइक्रोबाॅयलाॅजी, मैनेजमेंट एवं फार्मास्यूटिकल साइंसेज शामिल हैं। पूर्व में विश्वविद्यालय अनेक विषयों के लिए यह शोध परीक्षा आयोजित कर चुका है जिसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय में 123 छात्र-छात्राएं शोध कार्य कर रहे हैं।
काबिलेगौर है कि पीएचडी प्रवेशार्थियों में 16 उम्मीदवार ऐसे हैं जिन्हों नेट, गेट एवम् जी-पैट आदि क्वालीफाई किया हुआ है, यूजीसी की नियमावली के अनुसार ऐसे उम्मीदवार बिना प्रवेश परीक्षा दिए सीधे सीधे साक्षात्कार की अर्हता रखते हैं। अगली कड़ी में पीएचडी की साक्षात्कार प्रक्रिया होगी जिसमें 69 में से सफल उम्मीदवारों के साथ यह 16 उम्मीदवार सीधे साक्षात्कार प्रक्रिया में भाग लेंगे। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमहंत देवेन्द्र दास जी महाराज एवम् कुलपति प्रोफेसर पीताम्बर प्रसाद ध्यानी के सख्त दिशा निर्देशों को ध्यान में रखकर शोध कार्यों को विश्वविद्यालय की प्राथमिकता में रखा गया है। जिससे कि समूचे उत्तराखण्ड ही नहीं देश का भी शोध की विधियों से विकास हो सके।
शोध प्रवेश परीक्षा के बाद कुलपति प्रोफेसर ध्यानी ने अपने संदेश में छात्र-छात्राओं से पूछा कि पीएचडी करने के लिए श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय को क्यों चुना। छात्र-छात्राओं ने उत्तर दिया कि यहां गुणवत्तायुक्त शिक्षा का माहौल है तथा अच्छी आधारभूत सूविधाओं के साथ-साथ अच्छी अनुभवी शिक्षक व शिक्षण का माहौल है। यह जानकर कुलपति ने खुशी व्यक्त की व छात्र-छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। परीक्षा को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में डाॅ अंकुर सिंघल, डाॅ मनोज गहलोत, डाॅ नवीन गौरव, डाॅ कीर्ति सिंह एवम् डाॅ गीता रावत का विेशेष सहयोग रहा।