प्रदेश का दुग्ध उत्पादन लक्ष्य रखा जाय 5 लाख लीटर : डाॅ. रावत

दुग्ध उत्पादन एवं दुग्ध व्यवसाय को बढावा देने के निर्देश
देहरादून। प्रदेश के दुग्ध विकास राज्य मंत्री डाॅ धन सिंह रावत ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादन एवं दुग्ध व्यवसाय को बढावा देने के निर्देश डेरी विकास विभाग को दिये हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश का दुग्ध उत्पादन लक्ष्य 5 लाख लीटर रखा जाय, इसके लिए सभी दुग्ध संघ अध्यक्ष अपनी क्षमता बढ़ाने का प्रयास करें। इसके लिए सभी जनपदों के दुग्ध संघ अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इससे सम्बन्धित योजना की अपेक्षित धनराशि का प्रस्ताव एक सप्ताह के अन्दर अपने बोर्ड से पारित कर निदेशक डेरी विकास को उपलब्ध करायें।
शुक्रवार देर सांय विधान सभा में डेरी विकास विभाग की समीक्षा करते हुए दुग्ध विकास मंत्री डाॅ0 रावत ने निर्देश दिये कि महिला डेरी विकास परियोजना में कार्यरत कर्मियों का समायोजन दुग्ध संघों में किये जाने का भी प्रस्ताव सभी दुग्ध संघ अध्यक्ष  अपने बोर्ड मे माध्यम से उपलब्ध कराये। इन प्रस्तावों को स्वीकृति हेतु शीघ्र कैबिनेट के समक्ष रखा जायेगा। दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि सभी दुग्ध संघों में तकनीकि कार्मिकों की तैनाती के साथ ही दुग्ध व्यवसाय का बेहतर मार्केटिंग के लिए दक्ष युवाओं की भी सेवायें ली जाय। सभी दुग्ध संघ इसका भी आंकलन कर प्रस्ताव अविलम्ब प्रस्तुत कर दें। उन्होंने कहा कि दुग्ध संघों को अपनी क्षमता को बढ़ाने तथा बाजार में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने के लिये नयी तकनीकि व दक्षता का उपयोग करना होगा। इसके लिए अब उन्हें अनुदान का सहारा नही बल्कि कम ब्याज पर ऋण लेकर अपनी क्षमता बढ़ाने का प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए केन्द्र पोषित योजना के तहत डेरी प्रोसेसिंग एण्ड इन्फ्रास्ट्रचर डेवल्पमेंट फण्ड (डीआईडीएफ) से  सहायता  उपलब्ध करायी जा रही। इसका संचालन नेशनल डेरी डेवल्पमेंट बोर्ड(एनडीडीबी) द्वारा किया  जा रहा है तथा दुग्ध संघांे को 10 वर्षो के लिए योजना की कुल लागत का 80 प्रतिशत ऋण 6.5 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जायेगा। इस ऋण की अदायगी दुग्ध संघों को ऋण प्राप्ति के 2 वर्षों के बाद करनी होगी।
दुग्ध विकास मंत्री डाॅ0 रावत ने महिला डेरी विकास परियोजना में वर्ष 2000 से पहले से कार्यरत कार्मिकों का दुग्ध संघों में समायोजन का प्रस्ताव भी बोर्ड के माध्यम से भेजने का कहा है। उन्होंने कहा कि अमूल जैसे दुग्ध उत्पादों की बराबरी करने के लिए दुग्ध विकास विभाग अपनी आवश्यकतायें एवं प्राथमिकतायेें सुनिश्चित करें। उन्होंने प्रदेश में दुग्ध वाहनों की क्षमता का आंकलन करने के भी निर्देश दिये हैं तथा कार्यों में पारदर्शिता एवं  मित्तव्ययता का भी ध्यान रखने को कहा है। बैठक में सचिव दुग्ध आर0 मीनाक्षी सुन्दरम, अध्यक्ष उत्तराखण्ड राज्य सहकारी बैंक दानसिंह रावत, निदेशक दुग्ध प्रकाश चन्द्र, संयुक्त निदेशक डेरी जयदीप अरोड़ा, सामान्य प्रबन्धक यूसीडीएफ पी.सी.शर्मा, उ.सा.प्र.यूसीडीएफ आर.एम.तिवारी एवं जनपद चमोली, चम्पावत, टिहरी, पिथौरागढ़, देहरादून, हरिद्वार एवं उत्तरकाशी के दुग्ध संघों के अध्यक्ष एवं अध्यक्ष दुग्ध संघ श्रीनगर आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *