देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। पंचायत जनाधिकार मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर पंचायत राज व्यवस्था की हत्या करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि पंचायतों में आरक्षण की प्रक्रिया निर्धारित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा सबसे पहले आदेश निर्गत किया गया उसमें 17 अगस्त तक अनंतिम सूची का प्रकाशन किया जाना था। बरसात का बहाना बनाकर एक दूसरे पत्र के माध्यम से 3 दिन का समय बढ़ाते हुए अनंतिम सूची के प्रकाशन की तिथि 20 अगस्त निर्धारित की गई। 2 दिन का समय फिर बढ़ाया गया और 22 अगस्त को अनंतिम सूची प्रकाशन की बात कही गई। अब प्रभारी सचिव पंचायती राज ने आपदा का हवाला देकर आरक्षण की अनन्तिम सूची को 27 अगस्त को जारी करने की बात कही। उनका कहना था कि 3 महीने पहले राज्य सरकार द्वारा पंचायतों के परिसीमन का काम पूरा कर लिया गया था और डिजिटल इंडिया के इस युग में परिसीमन किए गए सारे डाटा ब्लॉक कार्यालय,जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय, पंचायत राज निदेशालय तीनों स्तर पर सॉफ्ट कॉपी में कंप्यूटर में उपलब्ध होंगे। जिसके आधार पर राज्य सरकार को पंचायत के 60,000 से अधिक पदों के आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा करना था। यह काम कार्यालय में बैठकर कंप्यूटर पर किए जाने वाला काम है, और अभी तक पूरी बरसात भर में एक भी ब्लॉक मुख्यालय या एक भी जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय या एक भी जिलाधिकारी कार्यालय के बारे में यह सूचना नहीं आई कि राज्य के किसी जिले के इन कार्यालयों में कोई कार्यालय आपदा से प्रभावित हुआ हो।
मंच के संयोजक जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि जब किसी ऑफिस में आपदा नहीं आई तो बरसात या आपदा का बहाना बनाकर आरक्षण को किस वजह से टाला जा रहा है। इसकी तिथि को क्यों आगे बढ़ाया जा रहा है। राज्य के जिन हिस्सों में अब तक आपदा से नुकसान होने की सूचना है उनमें केवल 5 विकासखंड प्रभावित होते हैं शेष 90 विकास खंड में या किसी भी जिला मुख्यालय में आपदा से प्रभावित होने की कोई सूचना नहीं है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार आरक्षण का समय बढा करके पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक भाजपा के स्थानीय नेताओं की सीटों का आरक्षण उनके मनमाफिक करके यह व्यवस्था बनाई जा रही है कि ऐसे प्रभावशाली लोग जो पंचायत चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं को हराने की क्षमता रखते हैं उन सबको चुनाव लड़ने से रोका जाए। उन्होंने सरकार द्वारा पंचायतों को कमजोर करने के किए जा रहे षडयंत्र का मंच के माध्यम से विरोध करने की बात कही।