बदरी-केदार मंदिर में चढ़ने वाले प्रसाद में भी मिलावट

देहरादून। चारधाम यात्रा मागरे पर बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थो में मिलावट है। यहां तक भगवान बदरी विशाल और बाबा केदार के धाम में चढ़ने वाले प्रसाद में भी मिलावट है। यूं कहा जा सकता है कि बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग में आने वाले बाजारों में ऐसी जगह कम ही हैं जहां पर खाद्य पदार्थो में मिलावट न हो। सोसाइटी ऑफ पॉल्यूशन एंड एन्वायरमेंटल कंजरवेशन साइंटिस्ट (स्पैक्स) की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। संस्था से जुड़े वैज्ञानिकों ने खाद्य अपमिशण्रपरीक्षण अभियान के तहत चारधाम यात्रा मागरे पर 47 स्थानों से खाद्य पदार्थो के 1143 नमूने एकत्र किये। प्रयोगशाला परीक्षण के बाद देखा गया कि एकत्र किये नमूनों में से 983 नमूनों (86 प्रतिशत) में मिलावट है। इनमें भी कौडियाला, गंगोरी, भटवाड़ी और गंगनानी के बाजार में उपलब्ध खाद्य पदार्थो में शत-प्रतिशत मिलावट मिली है। खाद्य पदार्थो में मेटेलिक पीला, लैड कोमेट, मैलेचाइट ग्रीन, रोहडामिन बी, क्रोमियम डाई, कस्टर ऑयल, बोरिक एसिड, एसिटिक एसिड, मोबिल ऑयल, मिट्टी, लीद, डालडा आदि की मिलावट की गई है। ऐसे मिलावट युक्त खाद्य पदार्थो का सेवन स्वास्य को नुकसान पहुंचा सकता है। इससे पेट रोग, लीवर खराब होना, अल्सर, उल्टी, गैस, श्वास, एलर्जी व कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। संस्था के सचिव डा. बृजमोहन शर्मा ने बुधवार को प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि पिछले वर्षो की तरह इस बार भी बीती 25 मई से 20 जुलाई तक (शेष पेज 15)बदरी-केदार..चारधाम यात्रा मागरे पर अलग-अलग स्थान से खाद्य पदार्थो के नमूने एकत्र किये गये। देहरादून-बदरीनाथ-केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 26 स्थानों से 648 नमूने एकत्र किये गये। इनमें से 561 नमूनों में मिलावट मिली है। कौडियाल में खाद्य पदार्थो में शत-प्रतिशत मिलावट मिली है। गंगोत्री यात्रा मार्ग पर 12 स्थानों से खाद्य पदार्थो के 282 नमूने एकत्र किये गये। इनमें से 241 नमूनों में मिलावट मिली है।इसी तरह यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर नौ स्थानों से खाद्य पदार्थो के 213 नमूने एकत्र किए गए। इनमें से 181 नमूनों में मिलावट मिली है। उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थलों पर पहुंच रहे यात्रियों को जिस तरह मिलावटयुक्त खाद्य पदार्थ परोसे जा रहे हैं वह राज्य की पर्यटन नीति पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है। इसके पीछे कारण यह भी है कि पर्यटन नीति में आहार के पहलू को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। बताया कि खाद्य पदार्थो के अधिकांश नमूने उन स्थानों से एकत्र किये गये हैं जहां पर यात्रियों का ठहराव अधिक होता है। छोटे बाजारों में खाद्य पदार्थो में इस तरह का अपमिशण्रमिलना चिंताजनक भी है। इसका प्रभाव कहीं न कहीं इन बाजारों पर निर्भर रहने वाले आसपास के गांवों के लोगों के स्वास्य पर भी पड़ता है। डा. शर्मा ने बताया कि यात्रा मागरे से चाय, कॉफी, इलाइची दाना, शहद, रोली, नारियल, टमेटो सॉस, चिली सॉस, सिरका, हल्दी, लाल मिर्च, धनिया, काली मिर्च, सरसों का तेल, दूध, घी, रिफाइंड ऑयल, पनीर, मिठाई आदि खाद्य पदार्थो के सैंपल लिए गये। इन सभी खाद्य पदार्थो में हानिकारक तत्वों की मिलावट मिली है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि साल दर साल यात्रा मागरे पर खाद्य पदार्थो मे मिलावट की मात्रा का प्रतिशत बढ़ता जा रहा है। फिर भी सरकारी तंत्र द्वारा इस दिशा में कोई कदम नहीं उठा रहा है।

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