बद्री-केदार के दर्शन कर दिल्ली रवाना हुए पीएम मोदी

पीएम ने रविवार को किये बद्रीनाथ धाम के दर्शन
देहरादून (गढ़वाल का विकास न्यूज)। केदारनाथ धाम दौरे के बाद रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बदरीनाथ धाम पहुंचे। यहां उन्होंने भगवान बद्री विशाल की पूजा-अर्चना की। इस दौरान मंदिर समिति की ओर से पीएम को स्मृति चिन्ह भी भेंट किया गया। इतना ही नहीं मंदिर परिसर भगवान बद्रीविशाल के साथ ही मोदी-मोदी के नारों से गूंजायमान हो उठा।
चुनाव परिणाम से पूर्व बद्री-केदार के दर्शन करने उत्तराखंड पहुंचे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को बद्रीनाथ धाम पहुंचे, जहां से वह मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए गए। उन्होंने वहां 20 मिनट तक मंदिर में पूजा की और चार बार मंदिर परिसर की परिक्रमा की। पूजा के बाद प्रधानमंत्री सिंह द्वार से बाहर आए। बदरीनाथ मंदिर से जैसे ही प्रधानमंत्री बाहर निकले तो उपस्थित लोगों ने बद्री विशाल के साथ ही मोदी-मोदी के नारे लगाए, जिससे पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो उठा। इस पर उन्होंने भी हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन किया। इस दौरान बीकेटीसी ने पीएम को बदरीनाथ का प्रतीक चिह्न और चौलाई के लड्डू भेंट किए। बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल ने उन्हें शॉल भेंट किया। दर्शन के बाद पीएम मोदी फिर गुजरात भवन में पहुंचे।


प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनजर मंदिर परिसर को जीरो जोन में रखा गया। यात्रियों को साकेत तिराहा पर ही रोका गया। माणा रोड स्थित आर्मी हेलीपैड से बदरीनाथ मंदिर तक चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात रहे। गेस्ट हाउस में कुछ देर रुकने के बाद पीएम मोदी बदरीनाथ से जौलीग्रांट के लिए रवाना हुए। जाते वक्त उन्होंने बदरीनाथ मंदिर परिसर के किनारे रोके गए यात्रियों और स्थानीय लोगों से मुलाकात की। देहरादून स्थित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनका हेलीकॉप्टर उतरा और वह सेना के विशेष विमान से दिल्ली को रवाना हुए। इस दौरान राज्यपाल बेबी रानी मौर्य, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और डीजीपी अनिल रतूड़ी प्रधानमंत्री को दिल्ली के लिए विदाई देने पहुंचे थे।
विदित हो कि चुनावी आपाधापी के बीच सातवें एवं अंतिम चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी उत्तराखंड पहुंचे। यहां केदारनाथ धाम में वह पूरी तरह से आध्यात्मिक रंग में रंगे नजर आए। इस दौरान उन्होंने गर्भगृह में रुद्राभिषेक किया तो मंदिर की परिक्रमा भी की।  दोपहर बाद करीब दो बजे वह साधना के लिए एकांत स्थल की तरफ गए।  मंदिर से 1.5 किलोमीटर दूर ध्यान गुफा में उन्होंने रात बिताई। इससे पहले उन्होंने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया था।

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