देहरादून। जिसकी आशंका पूर्व से जतायी जा रही थी, वह आखिरकार सही साबित हो ही गयी। प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए विकासखंड संसाधन व्यक्ति (बीआरपी) और संकुल संसाधन व्यक्ति (सीआरपी) के कुल 1281 पद सरकार ने समाप्त कर दिए। बीआरपी का प्रभार संबंधित उप शिक्षा अधिकारी (प्रारंभिक शिक्षा) और सीआरपी का प्रभार नजदीकी विद्यालय के प्रधानाध्यापक को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं।
विदित हो कि बीआरपी और सीआरपी की नियुक्ति के लिए बनाई गई नई व्यवस्था का उत्तराखंड प्राथमिक शिक्षक संघ विरोध कर रहा था, जबकि उक्त पदों पर माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता साफ होने के चलते माध्यमिक शिक्षक संघ नियुक्तियों को जल्द अंजाम देने का दबाव बनाए हुए था। शिक्षा मंत्री के साथ शिक्षक संगठनों की बैठक में भी इस मसले का आपसी वार्ता के जरिये समाधान नहीं हो सका था। यही नहीं इस मसले पर शिक्षकों के अदालत में दस्तक देने से बार-बार पैरोकारी को लेकर शिक्षा महकमा हलकान हुआ था।
विद्यालयी शिक्षा सचिव डॉ भूपिंदर कौर औलख ने विद्यालयों में शिक्षकों की कमी दूर करने और अनावश्यक न्यायालयी वादों से निजात पाने का हवाला देते हुए बीआरपी और सीआरपी की व्यवस्था को ही तत्काल प्रभाव से समाप्त करने के आदेश जारी कर दिए। सचिव ने सर्व शिक्षा अभियान राज्य परियोजना निदेशक को बीआरपी और सीआरपी के रूप में कार्यरत समन्वयकों को उनके मूल पदों यानी बतौर शिक्षक तैनाती के निर्देश दिए हैं।