देहरादून। विकास भवन सभागार देहरादून में ऋण-जमा अनुपात की बैठक मुख्य विकास अधिकारी श्री जीएस रावत की अध्यक्षता में 40 प्रतिशत से कम ऋण-जमा अनुपात वाले बैंको के जिला समन्वयको के साथ आयोजित की गयी। बैठक में परियोजना निदेशक आरएस रावत ग्राम्य विकास अभिकरण,रिजर्व बैंक से सहायक महाप्रबंधक रजत राज, नाबार्ड से डीडीएम डी0के0मिश्रा ,मुख्य कृषि अधिकारी, जिला उधान अधिकारी व जनपद देहरादून के अन्य रेखीय विभागो के द्वारा सहभागिता की गयी।
बैठक में मुख्य अग्रणी जिला प्रबन्धक श्री बी0एस0मर्तोलिया के द्वारा सभी बैको के ऋण जमा अनुपात को सदन के समक्ष रखा गया तथा सभी बैंको के जिला समन्वयको से अनुरोध किया गया कि ऋण-जमा अनुपात में अपेक्षित सुधार यथाशीघ्र लाना सुनिश्चित करे ताकि जनपद का ऋण जमा अनुपात रिजर्व बैंक के मानक के अनरूप प्राप्त किया जा सके। मुख्य विकास अधिकारी के द्वारा ऋणो को बढाने हेतु सुझाव दिया गया कि बैंको को जिले के विकास हेतू जरूरतमंद लोगो को ऋण देना सुनिश्चित करना होगा।उन्होने रेखीय विभागो को भी निर्देशित किया कि वे भी विकास खण्ड स्तर पर जिन क्षे़त्रो में ऋण की सम्भावना हो, जैसे डेयरी,मुर्गीपालन,मधुमक्खी पालन, मतस्य पालन,स्वंय् सहायता समूह आदि के ऋण प्रार्थनापत्र बैंको को उपलब्ध कराने में मदद करे। उन्होने बैंको के जिला समन्वयको को सुझाव दिया कि ऋण प्रवाह में तेजी लाये तथा शाखा प्रबंधक ग्रामीणो के ऋण स्वीकृत करने में साकारात्मक रूख अपनाये। उन्होने मुद्रा ऋण को बढाने पर विशेष जोर दिया क्योंकि अधिकांश लोग इस सेक्टर के अंर्तगत कार्य करते है। परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास ने सुझाव दिया कि बैंकर्स गाॅव में जाकर प्रगतिशील किसानो की आवश्यकताओ को देखते हुये ऋण प्रवाह बढा सकते है। भारतीय रिजर्व बैंक से सहायक महाप्रबंधक श्री रजत राज ने कहा कि सभी बैंक सितम्बर छमाही के वाषर््िाक ऋण योजना के लक्ष्यो को प्राप्त करना सुनिश्चित करे। नाबार्ड से डी0डी0एम0 श्री डी0के0मिश्रा ने कहा कि बैंको को ऋण प्रवाह बढाने हेतु सक्रिय होकर कार्य करना होगा अन्यथा ऋण जमा अनुपात के मानक को प्राप्त करना सम्भव नही होगा। उन्होने नाबार्ड की विभिन्न योजनाओ के अर्तंगत ऋण देने पर जोर दिया। इस अवसर पर जिला उधोग विभाग,खादी गा्रमोधोग तथा नगर निगम देहरादून के द्वारा बैंको को भेजे गये ऋण आवेदन पत्रो की भी समीक्षा की गयी।