देहरादून। वन सम्पदा एवं पर्यावरण मानवजाति की जीवन रेखा है, जिसे संवर्धन एवं संरक्षण की आवश्यकता है। नवयुवक भविष्य के ध्वजवाहक हैं उन्हें वन सम्पदा एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से संयुक्त साथी बनाने का प्रयास करने की आवश्यकता है। इन्ही तथ्यों को ध्यान में रखते हुए भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून द्वारा स्कूली छात्र-छात्राओं में वन, पर्यावरण के प्रति जागरूकता एवं इस प्रयास में उनकी कौशल क्षमता का उपयोग करने के लिए ‘‘प्रकृति’’ नामक कार्यक्रम के अंतर्गत केन्द्रीय विद्यालय संगठन के साथ मिलकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये।
इस संबंध में वन एवं पर्यावरण के प्रति स्कूली छात्र-छात्राओं के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए गतिविधियां के कलेन्डर की रूपरेखा तैयार करने के लिए शुक्रवार को अरूण प्रताप सिंह, निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया। डा0 ए.के. पाण्डेय, प्रभाग प्रमुख, विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान द्वारा निदेशक एवं उप आयुक्त, केन्द्रीय विद्यालय संगठन, उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और चण्डीगढ़ के साथ उपस्थित विशिष्ट अतिथियों का स्वागत किया और बैठक के बारे में जानकारी दी। उन्होंने संस्थान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और गतिविधी कलेन्डर की रूपरेखा के बारे में बताया और उपस्थिति सभी प्रतिभागियों से ‘‘प्रकृति’’ कार्यक्रम के अंतर्गत निर्माणाधीन कलेन्डर को अंतिमरूप देने के लिए सहयोग करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, दिल्ली और चण्डीगढ़ संस्थान के अंतर्गत आने वाले केन्द्रीय विद्यालय के शिक्षकों एव सभी वरिष्ठ एवं कनिष्ठ छात्रों के लिए संस्थान अपने स्तर पर उनके भ्रमण की व्यवस्था करेगा।
निदेशक, वन अनुसंधान संस्थान ने केन्द्रीय विद्यालय के प्रतिनिधियों से अपने सम्बोधन में कहा कि वन अनुसंधान संस्थान वानिकी अनुसंधान एवं पर्यावरण के क्षेत्र में एक अग्रिणी संस्थान है और हर प्रकार की वैज्ञानिक जानकारी से सुसज्जित है। उन्होंने यह भी बताया कि संस्थान ने कई तकनीकीयों विकसित की हैं, जो कि सरल एवं पर्यावरण हितैसी हैं। उन्होंने भरोषा दिलाया कि संस्थान में केन्द्रीय विद्यालय संगठन के छात्रों एवं अध्यापकों को प्रशिक्षण आदि के दौरान हर सम्भव सुविधा दी जाएगी।
बैठक में विभिन्न केन्द्रीय विद्यालय संगठनों से आए उपायुक्त श्री एस.एस.रावत, श्री वी.के. पाण्डेय, श्री ए.के. पंत, श्रीमती मिरधा एवं सहायक आयुक्त श्रीमती अल्का गुप्ता श्रीमती नीता खुराना, श्रीमती टी.रुकमएणी, मीनाक्षी और के.वी. वन अनुसंधान संस्था के प्रधानाचार्य श्री वी.एन. बहुखण्डी ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। बैठक में उपस्थित श्री एन.के. उपरेती, समूह समन्वयक, डा0 पी.एस. रावत, डा0 चरण सिंह, डा. देवेन्द्र कुमार, श्री रामबीर सिंह वैज्ञानिकों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर वन अनुसंधान संस्थान से श्री अजय गुलाटी, श्री विजय कुमार आदि उपस्थित रहे।